देहरादून में फर्जी कॉल सेंटर पर छापा, सवा करोड़ कैश बरामद

देहरादून। देहरादून में एसटीएफ ने फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारकर एक करोड़ 26 लाख रुपये कैश बरामद किया है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह का कहना है कि पिछले साल भी इसी तरह चार कॉल सेंटर पकड़े गये थे। काफी समय से देहरादून में इस कॉल सेंटर के चलने की बात सामने आ रही थी।
देहरादून एसटीएफ ने एक और फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। मौके पर 1.26 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं। कॉल सेंटर में काम करने वाले लगभग 300 लोगों से पूछताछ की गयी है। इस कॉल सेंटर के माध्यम में विदेश में रह रहे लोगों को ठगा जाता था।
300 कर्मचारी, 20-30 हजार रुपये सैलरी
फर्जी कॉल सेंटर देहरादून के न्यू रोड स्थित तिमंजिला भवन में ए-टू-जेड साल्यूशन नाम से संचालित हो रहा था। बुधवार देर रात एसटीएफ ने छापे की कार्रवाई की गयी। इस गिरोह में 30 युवक-युवतियां शामिल थीं। गिरोह के हर कर्मचारी को वेतन के रूप में 20-30 हजार रुपये सैलरी दी जा रही थी। पूरी बिल्डिंग किराये पर ली गयी थी।
खुद को बताते थे माइक्रोसाफ्ट कंपनी के अधिकारी
एसटीएफ ने इनके लैपटाप और कंप्यूटर की जांच की तो सारा मामला समझ में आ गया। यहां अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा आदि देशों के लोगों से इंटरनेट कॉलिंग के माध्यम से संपर्क किया जाता था। इसके बाद माइक्रोसाफ्ट समेत अन्य कंपनियों की सेवाएं देने के नाम पर उनके कंप्यूटर में एक पॉपअप जनरेट किया जाता था। इसके बदले उनसे 100-300 डालर लिये जाते थे।
तलाशी के दौरान आलमारी में नोटों की गड्डियां मिलीं। नोटों को गिना गया तो 1.26 करोड़ की नकदी थी। इसके अलावा 245 लैपटाप और 61 कंप्यूटर बरामद किये गये। मौके पर 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 11 लोगों को नोटिस देकर जमानत दे दी गयी, जबकि तीन लोगों को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया।
इन्हें भेजा गया जेल, सभी संचालक
मेघा रावत, निवासी आईटी पार्क, धोरण, देहरादून, विकास गुप्ता निवासी सहस्त्रधारा रोड, देहरादून, दमन भल्ला निवासी जबदी, थाना डिवीजन, लुधियाना, पंजाब, हाल पता जाखन, देहरादून। इसके अलावा राघव गुप्ता, नई दिल्ली, यसप्रीत सिंह देहरादून, लोकेश गिभगली, करनजीत सिंह, देव अरोड़ा, हर्ष गांगुली, अब्दुल समी, प्रोफुल मनी, तरुण अग्रवाल सभी देहरादून, पुरुषोत्तम कुमार बिहार और दुष्यंत गुलाटी नई दिल्ली को नोटिस जारी किया गया।
इनके इशारे पर चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर
एसटीएफ के अधिकारियों के बताया कि दिल्ली निवासी नितिन गुप्ता, उदित गर्ग और गर्भित अपनी पहुंच का हवाला देते हुए कॉल सेंटर संचालित करवा रहे थे। इन लोगों ने संचालकों को बताया था कि वे कभी पुलिस के छापे नहीं पड़ने देंगे। इसके लिए उन्हें अच्छी-खासी रकम भी इन लोगों से ले रहे थे। इन लोगों को एसटीएफ ने अभी गिरफ्तार नहीं किया है। कहा जा रहा है कि इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज जल्द ही इन्हें भी गिरफ्तार किया जायेगा। सूत्रों का कहना है कि इस धंधे में कुछ बड़ी मछलियां भी शामिल हो सकती हैं।
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