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एक साथ उठी मामा-मामी और भांजे की अर्थी, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार

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हरिद्वार (लालढांग)। पौड़ी बस हादसे में रसूलपुर गांव के एक ही घर से मामा-मामी और भांजे की अर्थी उठी। जबकि चौथा मुकेश दूसरे परिवार का सदस्य था। तीसरे दिन आज गुरुवार को शव पहुंचते ही घर में परिजनों के बीच कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने गमगीन माहौल में मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया।  जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने लालढांग पहुंचकर बस दुर्घटना में पीड़ित परिजनों को सांत्वना दी। बस हादसे के कारण आज बाजार बंद रखने का फैसला किया गया था।

लालढांग से पौड़ी गई बरात में रसूलपुर के पांच लोग गए थे। सभी लोग दूल्हे के रिश्तेदार हैं। जिनमें से चार लोगों की तो मौत हो चुकी है। केवल एक दो साल की बच्ची ही गांव से गए बरातियों की बस हादसे से सुरक्षित बची है। मृतकों में दूल्हे के रिश्तेदार मुकेश पुत्र छोटेलाल 36 वर्ष हैं। जबकि गुड़िया पत्नी अनिल (29) गुड़िया के जेठ संगीत पुत्र भूरानाथ (36) और संगीत का भांजा पंकज पुत्र गोविंद शामिल है।

कोटद्वार बीरोंखाल के सिमड़ी बैंक में मंगलवार देर शाम हुए बस हादसे में वाहन चालक समेत 33 बरातियों की मौत हो गयी, जबकि 19 लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। बुधवार देर शाम तक सिमड़ी में नयार नदी से ऊपर खाई (400 मीटर) से पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों ने 31 शव निकाले। सभी का पोस्टमार्टम रिखणीखाल अस्पताल में किया गया। पोस्टमार्टम के समय 24 शवों को पहचान लिया गया। बुधवार देर शाम तक बाकी शवों की शिनाख्त के प्रयास किये जा रहे थे।

गुरुवार सुबह करीब 9 बजे गांव में एक साथ चार शवों (मामा-मामी, भांजे के अलावा मुकेश) के पहुंचते ही परिजनों में हाहाकार मच गया। परिजनों को ग्रामीणों की ओर से तीन शवों को हरिद्वार के चंडीघाट श्मशान घाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया, जबकि एक व्यक्ति मुकेश को नदी किनारे भू-समाधि दी गयी है। ग्रामीणों का कहना है कि मुकेश अविवाहित था और वह पहले से ही अपनी मौत के बाद अंतिम संस्कार करने के बजाय समाधि देने की बात करता था। मुकेश एक विशेष संप्रदाय विशेष से जुड़ा था। इसी बात को ध्यान में रखकर उसकी अंतिम इच्छा पूरी की गयी। https://sarthakpahal.com/

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