उत्तराखंडखेलपर्यटनबड़ी खबरमनोरंजनयूथ कार्नरवीडियोशिक्षासामाजिक

दिन में स्वाला पकौड़ा और रात में भैलो के साथ इगास संपन्न, एक पारंपरिक गीत सुनिये

Listen to this article

देहरादून। प्रदेश में इगास पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इगास दीपावली के 11 दिन बाद मनाया जाता है। दिन में लोगों ने गौ पूजन, तुलसी पूजन के साथ स्वाला पकौड़े बनाकर भगवान को अर्पित किये, तो वहीं रात को भैलो और पटाखे फोड़कर इगास का उल्लास मनाया।

प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के लोगों को इगास की शुभकामनाएं दीं। अपने संदेश में मोदी ने कहा कि इगास उत्तराखंडी लोक संस्कृति से नई पीढ़ी में प्रेम जागृत करता है। सांसद अनिल बलूली को लिखे एक पत्र में मोदी ने कहा कि लोकपर्व हमें जड़ों से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें एक संकल्प यह है कि हम अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व कहा। इस अवसर पर सांसद अनिल बलूनी के दिल्ली स्थित आवास पर इगास पर्व का आयोजन किया गया था।

क्यों मनाई जाती है इगास
ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम के 14 साल के वनवास से अयोध्या लौटने की सूचना दिवाली के 11 दिन बाद मिली, इसीलिए दिवाली के 11 दिन बाद इगास मनाया जाता है। वहीं कई जगह ये भी कहा जाता है कि वीर भड़ माधो सिंह भंडारी तिब्बत युद्ध पर गये थे और दिवाली तक नहीं लौटे। ऐसे में लोगों ने दिवाली नहीं मनाई। दिवाली के 11 दिन बाद जब माधो सिंह युद्ध जीतकर सेना सहित वापस अपने गांव मलेथा लौटे तो लोगों ने खुशी में धूमधाम से दिवाली मनाई। इसी उपलक्ष्य में एक पारंपरिक गीत प्रचलित है। आप भी सुनिये…..

मुख्यमंत्री आवास पर जमकर थिरके मंत्री और लोग
देहरादून से लेकर दिल्ली तक इगास की धूम रही। दून में सीएम आवास पर धामी और सरकार के मंत्री इगास में शामिल हुए। सीएम आवास पर इगास पर्व पर लोक गीतों व पारंपरिक नृत्य के साथ भैलो खेलकर लोक संस्कृति भी जीवंत हुई। धामी के साथ पूर्व सीएम निशंक ने भी भैलो खेला। लोक कलाकारों के गीतों व नृत्य की प्रस्तुति पर सीएम धामी ने भी शानदार नृत्य किया। https://sarthakpahal.com/

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button