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बिहार के सरकारी स्कूल का हाल, हेडमास्टर को अपने नाम की स्पेलिंग तक पता नहीं

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर के एक हेडमास्टर अपने हिंदी, अंग्रेजी और गणित के ज्ञान के चलते इस समय सुर्खियों में छाये हुए हैं। विद्यालय जांच करने पहुंचे अधिकारी ने उनके कार्यालय पर नजर डाली तो वे पहले कार्यालय पहुंचकर ही दंग रह गये। कार्यालय को ‘कार्यलल’ लिखा गया था। इसके बाद गुरुजी के ज्ञान की परीक्षा शुरू हुई। जिसमें गुरुजी के हर जवाब से अधिकारी सकते में पड़ गये।

बिहार के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था का कैसा हाल है इसकी एक बानगी सामने आई है। मामला भागलपुर जिले के नवगछिया के कोसी पार पंचायत खैरपुर कदवा के प्राथमिक स्कूल का है। 16 नवम्बर को नवगछिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) गोपाल कृष्णन खैरपुर कदवा का निरीक्षण करने निकले। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पंचायत की सभी योजनाओं की जांच की। इसी दौरान वो पंचायत विद्यालयों में भी निरीक्षण करने निकल पड़े।

कार्यालय पर लिखा ‘कार्यलल’
कृष्णन ने प्राथमिक विद्यालय चांय टोला खैरपुर कदवा पहुंचे। पहुंचते ही उन्होंने विद्यालय की दीवार पर पेंट से से ‘कार्यलल’ लिखा देखा। इस पर उन्होंने प्रधानाध्यापक पवन कुमार से सवाल किया। प्रधानाध्यापक ने कहा कि किसी बच्चे ने गलत लिख दिया है। इसे सुधार लिया जायेगा। जब प्रधानाचार्य महोदय को प्रखंड विकास अधिकारी ने पचास को दो से भाग देने के लिए कहा तो काफी देर बाद अपने दिमागी घोड़े दौड़ाने के बाद भी प्रिंसिपल साहब सही उत्तर नहीं दे पाये।

अब आया अंग्रेजी का नम्बर
गणित के बाद अब बारी आई अंग्रेजी की। अधिकारी ने पूछा कि आरेंज की स्पेलिंग बताइए। इस पर गुरुजी ने जवाब दिया ‘ORIG’। हद तो तब पार हो गयी जब गुरुजी ने अपने नाम पवन कुमार की स्पेलिंग ‘PON’ सुनकर अधिकारी के पैरों तले जमीन खिसक गयी।

सुर्खियों में गुरुजी का ज्ञान
हेडमास्टर के हिंदी, अंग्रेजी और गणित के ज्ञान का पास में खड़े किसी ने वीडियो बना लिया, जो कि सुर्खियों में है। लोग इस वीडियो को देखकर मजे भी ले रहे हैं। साथ ही लोग ये भी सोचने को मजबूर हैं कि ऐसे शिक्षक बच्चों को क्या सिखाएंगे, जिन्हें अपने नाम की स्पेलिंग लिखनी तक नहीं आ रही हो।

स्कूल के कमरे में रखी हैं खाद की बोरी
उधर, मध्य विद्यालय पहुंचे बीडीओ ने एक कमरे में खाद की बोरी रखी देखी, जिससे तत्काल हटाने का निर्देश दिया। विद्यालय में मिड डे मील व्यवस्था पर भी वे खुश नहीं थे। निरीक्षण के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वे विद्यालयों की अव्यवस्था के खिलाफ उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेंगे। https://sarthakpahal.com/

 

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