
ऋषिकेश। बेटी को न्याय दिलाने के लिए अंकिता भंडारी के माता-पिता ऋषिकेश में कोयलघाटी में अनशन पर बैठ गये हैं। परिजनों का कहना है कि उन्हें एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं रह गया है। उनका कहना था कि हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उधर, अनशन पर बैठी शकुंतला रावत को पुलिस रात में जबर्दस्ती उठा ले गयी।
बिना सबूत के कैसे मिलेगी आरोपियों को सजा
अंकिता के परिजनों का कहना था कि घटनास्थल के पास फैक्ट्री के जिस कमरे में आरोपी रहते थे, उसमें भी आग लगा दी गयी। वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि घटना से संबंधित सारे सबूतों को नष्ट कर दिया गया है। एसआईटी इस मामले में जांच कर रही है, लेकिन जब सबूत ही खत्म हो गये तो आरोपियों को कठोर सजा कहां से मिलेगी। https://sarthakpahal.com/
सीएम धामी ने दिलाया था भरोसा
घटना के 10 दिन बाद मुख्यमंत्री धामी उनसे मिलने उनके गांव आए थे। उन्होंने आरोपियों को जल्द सजा का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। परिजनों का कहना था कि जांच एजेंसियां दबाव में काम कर रही हैं, ऐसे में न्याय मिलने की उम्मीद हो ही नहीं सकती।
अनशनकारी महिला को जबरन उठा ले गयी पुलिस
युवा न्याय संघर्ष समिति के बैनर तले धरने पर बैठी शकुंतला रावत को पुलिस जबर्दस्ती उठाकर ले गयी। उन्हें कई जगह चोटें आई हैं। शकुंतला रावत को एम्स ऋषिकेशमें प्राथमिक उपचार के बाद दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कोयलघाटी में धरने पर बैठे यूकेडी की कार्यकारी अध्यक्ष किरण रावत ने कहा कि हम पुलिस की कार्रवाई से डरने वाले नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अब आंदोलन और उग्र किया जायेगा। धरने पर शीला ध्यानी, जया डोभाल, डिंपल चौहान, प्रमिला जोशी, विनोद रतूड़ी, टीकाराम राठौर, पीसी रावत, पितांबर दत्त बुडाकोटी, रविंद्र प्रकाश भारद्वाज, जयेंद्र रमोला, राकेश, बीपी चमोली, पीसी रावत, आरएस रावत, एसएस नेगी, मदन सिंह, प्रीत थपलियाल, अभिनव बिष्ट, संजय सिलस्वाल आदि मौजूद रहे। https://sarthakpahal.com/