कोटद्वार। कोटद्वार नगर निगम में 24 लाख के गबन मामले में दो गिरफ्तारी हुई है। 2017-18 में पदमपुर सुखरो की गलियों में सीसी रोड का निर्माण कराया गया था। मामला पांच साल पुराना है। काम के बदले ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया था, मगर चार साल बाद एक बार फिर से उसी ठेकेदार को दोबारा भुगतान कर दिया गया। इस धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने पार्षद और महिला ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में एकाउंटेंट को मुख्य आरोपी बनाया गया है। दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी जांच चल रही है।
हेराफेरी में एकाउंटेंट और पार्षद दोनों की मिलीभगत
नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि नगर निगम में धोखाधड़ी से 23,89,584 का भुगतान महिला ठेकेदार सुमिता देवी को किया गया जबकि 2017-18 में किये गये कार्य का उन्हें भुगतान पहले ही हो चुका था। इस मामले में एकाउंटेंट पंकज सिंह रावत और ठेकेदार सुमिता देवी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था।
एएसपी ने बताया कि गुरुवार सुबह आरोपी ठेकेदार सुमिता देवी को उसके आवास बड़थ्वाल कालोनी पदमपुर सुखरो कोटद्वार से गिरफ्तार किया गया। विवेचना में यह बात सामने आई कि पार्षद कुलदीप आरोपी ठेकेदार सुमिताका काम देखता था। भुगतान की धनराशि 17,73,886 रुपये से 15 लाख से अधिक कुलदीप ने स्वयं निकाले और अकाउंटेंट पंकज रावत के साथ बांटे। इस कारण आरोपी पार्षद को भी गिरफ्तार किया गया।
एकाउंटेंट पंकज रावत की होगी कुर्की
एएसपी ने कहा कि एकाउंटेंट पंकज सिंह रावत फरार हो गया है। उसके खिलाफ 82 सीआरपीसी के तहत कुर्की की कार्रवाई की जा चुकी है। पंकज सिंह रावत और सुमिता देवी के बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। तत्कालीन नगर आयुक्त और कोषाधकारी के चेक पर किये गये हस्ताक्षर फारेंसिक जांच को भेजे गये हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।
पार्षदों ने दिया सांकेतिक धरना
नगर में हुए 24 लाख के घोटाले में पार्षद कुलदीप कांबोज की गिरफ्तारी के विरोध में पार्षदों ने कोतवाली में सांकेतिक धरना दिया। धरना देने वालों में अनिल रावत, सुभाष पांडे, विपिन डोबरियाल, नईम अहमद, अमित नेगी, राकेश बिष्ट, पिंकी रावत, सोनिया नेगी, अनिल चौधरी, राजा आर्य और गिंदी दास आदि मौजूद थे। https://sarthakpahal.com/
नामजद एकाउंटेंट ने यदि एक माह के अंदर गिरफ्तारी नहीं दी तो उसके घर व संपत्ति की कुर्की की जायेगी।
शेखर चंद्र सुयाल, एएसपी