
कोटद्वार। अंकिता हत्याकांड के तीन आरोपियों में से दो ने नार्को टेस्ट कराने के लिए सहमति दे दी है, लेकिन तीसरे आरोपी अंकित ने अदालत से इसके लिए दस दिन का समय और मांगा है। तीनों आरोपियों का नार्को और पालीग्राफ टेस्ट एक साथ होना है। सोमवार को अदालत में सुनवाई होनी थी, लेकिन अंकित ने पहले ही अर्जी देकर समय मांग लिया, इसलिए अब अगली सुनवाई 22 दिसम्बर को तय की गयी है।
तीन में से दो आरोपी नार्को टेस्ट कराने को तैयार
तीनों आरोपियों का नार्को और पालीग्राफ टेस्ट कराने के लिए पिछले शुक्रवार को कोटद्वार के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम की कोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना पांडेय की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। इसके लिए तीनों आरोपी पुलकित, सौरभ और अंकित को पौड़ी के जेल अधीक्षक के माध्यम से हाजिर होने के लिए नोटिस दिये गये थे। लेकिन सौरभ और अंकित की सहमति के अलावा तीसरे आरोपी अंकित ने कोर्ट से 10 दिन का समय मांगने के कारण अगली सुनवाई 22 दिसम्बर को तय की गयी है।
सच और झूठ की पहचान होती पालीग्राफ टेस्ट से
पालीग्राफ टेस्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहा जाता है। यह एक खास तकनीक है, जिसमें संबंधित व्यक्ति को सवाल पूछे जाते हैं और जवाब देते समय व्यक्ति के पल्स रेट, हृदय की धड़कन, ब्लड प्रेशर के माध्यम से मशीनों के जरिये पता लगाया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ।
नार्को टेस्ट से सच सामने आने की पूरी संभावना
अपराध के कई मामलों में आरोपी के झूठ बोलने या बार-बार बयान बदलने से जांच में अड़चन आती है। ऐसे में सच्चाई का पता लगाने के लिए नार्को टेस्ट कराया जाता है। इसके लिए संबंधित व्यक्ति को एक इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे कि वह बेहोश हो जाता है और फिर उसके बाद उससे सवाल पूछे जाते हैं। इससे इस बात का पता चलेगा कि आरोपियों ने अब तक जो बयान दिये हैं उसमें कितनी सच्चाई है। नार्को टेस्ट के लिए आरोपियों की सहमति मिलनी जरूरी होती है।
मृतका के परिवार की भी है नार्को टेस्ट कराने की मांग
युवती अंकिता का परिवार और न्याय की मांग कर रहे लोग भी आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की मांग कर रहे हैं, ताकि इस बात का भी पता चल सके कि वनंतरा रिजार्ट में आने वाला वीआईपी कौन था। इसीलिए एसआईटी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति मांगी है। https://sarthakpahal.com/