उत्तराखंडबड़ी खबरयूथ कार्नरराजनीतिसामाजिकस्वास्थ्य

बर्खास्त कर्मियों ने ऋतु खंडूड़ी पर लगाया भेदभाव का आरोप, पुलिस से तूतू-मैंमैं

Listen to this article

देहरादून। बर्खास्त कर्मियों ने ऋतु खंडूड़ी पर भेदभाव का आरोप लगाया है। पुलिस मंगलवार को दो बार कर्मचारियों को विधानसभा के बाहर धरनास्थल पर उठाने गयी थी, लेकिन कर्मचारियों के भारी विरोध के कारण वह उन्हें उठा न सकी। पुलिस उन्हें चेतावनी देकर चली गयी कि कल बुधवार से कोई यहां पर धरने पर नहीं बैठेगा। आज फिर जब बर्खास्त कर्मचारी धरने पर बैठे रहे तो पुलिस ने उन्हें जबर्दस्ती उठा लिया।

ऋतु खंडूड़ी पर लगा भेदभाव का आरोप
विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों का विधानसभा के पास बेमियादी धरना बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी पर भेदभावपूर्ण आरोप लगाया। उनका कहना था कि जब सब नियुक्तियां अवैध है तो कार्रवाई केवल कुछ ही कर्मचारियों पर क्यों की गयी? उनका कहना था कि 2001 से लेकर 2021 तक सभी नियुक्तियां एक ही आधार पर की गयी हैं। तो फिर 2016 के बाद के कर्मचारियों पर ही क्यों कार्रवाई की गयी, जबकि हाईकोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष ने शपथ पत्र में कहा था कि राज्य निर्माण के बाद से अब तक की गयी सभी नियुक्तियां अवैध हैं।

अन्य विभागों में हुई नियुक्तियों पर भी उठाये सवाल
कर्मचारियों ने अन्य विभागों में हुई नियुक्तियों पर भी सवाल उठाया। उनका कहना था कि 2003 के शासनादेश के बाद विधानसभा ही नहीं, बल्कि कई विभागों में हजारों कर्मचारी तदर्थ, संविदा, नियत वेतनमान और दैनिक वेतन पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जब विधानसभा कर्मचारियों की नियुक्तियां अवैध हैं तो अन्य विभागों में इसी तरह की नियुक्तियां वैध कैसे हो सकती हैं?

20 दिन की जांच के बाद कर दीं नियुक्तियां खत्म
कर्मचारियों ने कहा कि कोटिया कमेटी की महज 20 दिन की जांच के बाद 2016 के बाद नियुक्त कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी गयीं, जबकि इससे पहले के कर्मचारियों को विधिक राय के नाम पर क्लीन चिट दे दी गयी। उन्होंने कहा कि पांच दन के भीतर यदि कोई सकारात्मक कार्रवाई न की गयी तो इसके विरोध में आंदोलन और तेज किया जायेगा। https://sarthakpahal.com/

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button