अन्य प्रदेशों में रह रहे उत्तराखंड के लोग अब रिमोट से कर सकेंगे मतदान
देहरादून। अपना घर छोड़कर दूसरे शहरों में बस चुके उत्तराखंड के मतदाता अब बगैर घर पहुंचे होने वाले चुनावों में रिमोट से अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट कर सकेंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू कर दिया है और प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) का विकास किया है।
राजीव कुमार ने 15 मई 2022 को सुशील चंद्रा का कार्यकाल पूरा होने के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यभार संभाला था। इसके तुरंत बाद उन्होंने उत्तराखंड के चमोली जिले के सबसे दूरस्थ गांव दुमक मतदान केंद्र की पैदल यात्रा की थी। 18 किलोमीटर पैदल चलकर जब वह दुमक गांव पहुंचे तो स्थानीय मतदाताओं से मतदान के संबंध में बातचीत की। इसी दौरान उन्हें ग्रामीणों ने बताया कि गांव की अधिकांश आबादी नौकरी की तलाश में देश के अन्य राज्यों में रहती है। इस कारण वे सांसद, विधायक या फिर स्थानी निकायों के चुनाव में अपनी भागीदारी नहीं कर पाते हैं। तभी से मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने दुमक गांव से मिले इस सुझाव को अमल में लाने का निश्चय किया था और रिमोट वोटिंग पर मंथन प्रारम्भ किया था।
लाखों लोग नौकरी की वजह से नहीं दे पाते हैं वोट
उत्तराखंड के अधिसंख्य लोग रोजगार, व्यवसाय, शिक्षा आदि कारणों से देश के अन्य प्रदेशों में रहते हैं, जो मतदान के समय अपने घर नहीं पहुंच पाते। जिस कारण वे अपने मताधिकार से वंचित रह जाते हैं। रिमोट वोटिंग होने पर वे अपने क्षेत्र के लिये मतदान कर सकेंगे और अपने क्षेत्र के विकास में भागीदार बन सकेंगे। https://sarthakpahal.com/
वोटर टर्नआउट में सुधार लाने और निर्वाचन में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रमुख बाधा आंतरिक प्रवासन (घरेलू प्रवासियों) के कारण मतदाताओं द्वारा मतदान न कर पाना भी है। आंतरिक प्रवासन का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा राज्यों के भीतर होता है। रिमोट वोटिंग से ऐसे प्रवासी नागरिक अपने गृह क्षेत्रों से जुड़कर मतदान में भागीदार बन सकेंगे।