यमकेश्वर। प्रधानों ने एनएमएमएस के माध्यम से मजदूरों की उपस्थिति के फैसले का जबर्दस्त विरोध किया है। आयोजित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान प्रधानों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर गहरा आक्रोश जताते हुए नारेबाजी करते हुए एक स्वर में मनरेगा के अंतर्गत एनएमएमएस के माध्यम से उपस्थिति का विरोध जताया।
धरना प्रदर्शन के दौरान प्रधानों ने प्रधान संगठन की अध्यक्ष मीना बेलवाल की अध्यक्षता में जबर्दस्त विरोध किया। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं की भौतिक परिस्थितियां अलग-अलग होने के कारण तथा अधिकांश गांवों में नेटवर्क न होने के कारण मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करना कतई संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों पर विपरीत असर पड़ेगा। कई जगहों पर प्रधानों को कई किलोमीटर पैदल तक नापना पड़ता है। ऐसे में यह सिस्टम लागू करना कैसे संभव है। प्रधानों ने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि इस सिस्टम को लागू किया गया तो सभी प्रधान मनरेगा के सारे कार्यों का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार अपने इस निर्णय को तुरंत वापस ले।
प्रदर्शन करने वालों में प्रधान संगठन की अध्यक्ष मीना बेलवाल, मीडिया प्रभारी हर्षवाल, सचिव प्रधान संघ नीरज पयाल, महासचिव बचन बिष्ट बणांस, गंगा देवी, पल्लवी, विनीता लखेड़ा, पूरन सिंह, कल्याण रावत, सुलोचना, संतोषी बडोला, जगपाल आदि दर्जनों ग्राम प्रधान शामिल रहे।
10-10 हजार की प्रोत्साहन राशि की घोषणा पर अभी तक अमल नही
प्रधानों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में प्रदेश के सभी प्रधानों को 10-10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद यह राशि अभी तक उन्हें नहीं मिल पाई है। उन्होंने उक्त राशि का तत्काल भुगतान ग्राम प्रधानों को उपलब्ध कराए जाने की मांग भी की। https://sarthakpahal.com/