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मोटी रकम देकर नौकरी पाने वाले निलंबित 20 दारोगाओं पर अब लटकी बर्खास्तगी की तलवार

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देहरादून। मोटी रकम देकर नौकरी पाने वाले निलंबित 20 दारोगाओं पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। जांच में उधड़ रही परतों के बीच विजिलेंस ने अब संदिग्ध सभी दारोगाओं के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस के आलाधिकारी फिलहाल मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। वह सिर्फ जांच विचाराधीन होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

कई और दारोगा भी विजिलेंस जांच के रडार पर
पुलिस मुख्यालय में दारोगाओं के खिलाफ ठोस साक्ष्य उपलब्ध हैं। विजिलेंस इनसे पूछताछ करेगी। इससे पहले इन पर बर्खास्तगी की तलवार लटक सकती है। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, फर्जी दस्तावेज के जरिये नौकरी पाने वाले दारोगाओं पर धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं। दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन चल रहा है। 2015 में उत्तराखंड में 339 दारोगा भर्ती हुए, जिनमें से 120 कुमाऊं में तैनात हैं। जिसमें 46 ऊधमसिंह नगर व 38 नैनीताल जिले में तैनात हैं। इसी तरह पिथौरागढ़ में 15 और अल्मोड़ा, चंपावत व बागेश्वर में सात-सात दारोगा सेवारत हैं।

संदेह पर दरोगाओं के प्रमाण पत्रों व बैकग्राउंड की भी जांच
दारोगा भर्ती धांधली मामले में जांच कर रही विजिलेंस संदेह पर शैक्षिक प्रमाण पत्रों को खंगालने के साथ ही उनका पिछला इतिहास भी खंगाल रही है। कई दरोगाओं से इस परीक्षा से संबंधित पूछताछ हो चुकी है। राज्य स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक में ऊधमसिंह नगर जिले में तैनात दारोगा कविंद्र शर्मा जांच के घेरे में हैं। उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। पुलिस व गृह विभाग को इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। https://sarthakpahal.com/

निलंबित दारोगाओं ने शुरू की पुलिस मुख्यालय की दौड़
इसी बीच हाल में चिन्हित होने के बाद सस्पेंड हुए 20 दारोगाओं में से कुछ दारोगा अपनी सफाई देने के लिए पुलिस मुख्यालय अधिकारियों के भी चक्कर लगा रहे है। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, दारोगा भर्ती में टाप करने वाले रडार पर हैं, क्योंकि उन्हें पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में कुछछ भी पता ही नहीं है। ऐसे में सबसे पहले टापरों की ही जांच की जाएगी। पुलिस विभाग के कुछ और दारोगा आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस जांच के दायरे में आ सकते हैं।

विजिलेंस मामले की गहनता से जांच कर रही है। जांच के बाद जो भी साक्ष्य निकलकर सामने आएंगे, उन्हीं के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
वी मुरुगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड

 

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