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योगी सिर्फ बोलता ही नहीं, करता भी है, जरूरत पड़ी तो गाड़ी भी पलटेगी और बुलेट भी चलेगी

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लखनऊ। शनिवार का दिन यूपी विधानसभा मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के रौद्र रूप का गवाह बनी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अचानक सदन में उमेश पाल हत्‍याकांड का मुद्दा उछाल दिया था। इसके जबाव में योगी ने विपक्ष की जमकर बखिया उधेड़ डाली। उनकी एक बात सबके कानों में गूंजती रही। गुस्‍से में तमतमाकर योगी बोले थे माफिया किसी भी पार्टी का हो मिट्टी में मिला दिया जाएगा।

गुंडों और दबंगों की सिट्टी-पिट्टी गुम
यूपी में ‘योगी राज’ शुरू होने के बाद से ही दबंगों और माफियाओं की सिट्टी-पिट्टी गुम है। पहली बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद ही मुख्‍यमंत्री ने साफ कर दिया था कि दंबगों, माफियाओं और अपराधियों को ‘पाताल लोक’ पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो गाड़ी भी पलटेगी और बुलेट भी चलेगी। इनके खिलाफ योगी ने अपनी पुलिस को खुला छोड़ रखा है। दुर्दांत अपराधी धड़ाधड़ मारे जा रहे हैं या फिर वो आत्मसमर्पण को मजबूर हैं। उनके बचकर भाग निकलने के सारे रास्‍ते बंद कर दिए गए। बदमाशों को चुनचुन‍कर पुलिस ने निशाना बनाया।

उमेशपाल हत्याकांड में शामिल शूटर अरबाज एनकाउंटर में ढेर


अभी दो दिन भी नहीं बीते थे कि इस कथनी को करनी में बदल दिया गया। धूमनगंज में उमेश पाल और सिपाही संदीप निषाद की हत्या में शामिल आरोपियों में से एक को योगी की पुलिस ने एनकाउंटर कर ढेर कर दिया। योगी ने इसके जरिये माफिया को फिर साफ संदेश दे दिया है। दबंगों और माफियाओं के खिलाफ उनकी ‘जीरो टॉलरेंस’ पॉलिसी में कोई फर्क नहीं पड़ा है। कोर्ट-कचहरी की आड़ में जेल की रोटियां तुड़वाने की जगह योगी सरकार इन्‍हें बिना टिकट ऊपर पहुंचाएगी। यही योगी स्‍टाइल है और वो इसे नहीं बदलेंगे।

शूटरों ने जिस क्रेटा गाड़ी से उमेश पाल पर हमला किया था, वह गाड़ी अरबाज ही चला रहा था। चकिया क्षेत्र में हमले में प्रयुक्त क्रेटा कार बरामद होने के बाद इंजन और चेचिस नंबर से पुलिस आरोपी अरबाज तक पहुंच गई। सोमवार की दोपहर पीपल गांव क्षेत्र में अरबाज के होने की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी की पुलिस को देखकर अरबाज ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में उसे ढेर कर दिया गया। मुठभेड़ में धूमनगंज इंस्पेक्टर के दाहिने हाथ में भी गोली लगी है।

माफिया अतीक की अपराध ने छीनी सियासी जमीन


जरायम की दुनिया के दम पर संसद तक का सफर तय करने वाले अतीक अहमद की सियासी जमीन अब पूरी तरह से दरकती दिख रही है। इस सफर के लिए अतीक ने जिस अपराध को हथियार बनाया वही अब उसके लिए घातक हो गया है। पूर्व विधायक राजू पाल के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद पत्नी शाइस्ता परवीन के सहारे खाेई सियासी साख को पाने की कवायद को भी झटका लगा है। बसपा अध्यक्ष मायावती के बयान से उनकी राजनीतिक पारी दांव पर है, हालांकि शाइस्ता को अभी पार्टी से तो नहीं निकाला है लेकिन उनकी राजनीतिक पारी पर सवाल जरूर खड़ा हो गया है। https://sarthakpahal.com/

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