देहरादून। नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहते हैं। जब भी त्योहार के सीजन की शुरुआत होती है, तो हर तरफ का माहौल बदला-बदला नजर आता है। छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली जैसे कई अन्य त्योहार आ गए हैं। छोटी दिवाली होती है को लोग अपने-अपने घरों में दीये जलाते हैं और खुशियां मनाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। लेकिन इस दिन को हम नरक चतुर्दशी के नाम से जानते हैं। इस दिन की कई मान्यताएं भी हैं, जिन्हें पूरा करना काफी शुभ माना जाता है।
इस दिन का अपना महत्व होता है। इस दिन दीये जलाने की खास मान्यता भी है। दरअसल, मान्यता के अनुसार, इसी दिन श्रीकृष्ण भगवान ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और साथ ही 16 हजार से ज्यादा महिलाओं को मुक्त किया था। ये सभी नरकासुर के बंदी गृह में थीं। तभी से छोटी दिवाली के दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है। एक मान्यता है कि इस दिन घर के बुजुर्ग को दीया जलाना चाहिए। इस दीये को यम का दीया भी कहा जाता है।