देहरादून। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित करने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने पत्र लिखकर हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित करने की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दी है।
पहाड़ियों दरकने का खतरा मुख्य वजह
हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने की सबसे बड़ी वजह यहां पहाड़ियां दरकने का खतरा है। इसके अलावा टूरिस्ट प्लेस होने की वजह नैनीताल पर सैलानियों का काफी दबाव रहता है। इससे इस पहाड़ी शहर में ट्रैफिक व्यवस्था लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। कई वकीलों ने कहा है कि नैनीताल जाने में वादियों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। टूरिस्ट सीजन या फिर बरसात में आवागमन काफी बाधित रहता है।
सहमति के बाद केंद्र को भेजा था प्रस्ताव
केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में राज्य सरकार के प्रस्ताव का जिक्र किया। सीएम को संबोधित पत्र में उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार हाईकोर्ट को संचालित करने के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करने और पूरा खर्च वहन करने के लिए उत्तरदायी है। राज्यपाल के परामर्श से उच्च न्यायालय को नैनीताल स्थानांतरित करने के मामले की जांच की गई। दोनों सांविधानिक प्राधिकारियों ने इस पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दी है।
आवश्यक बुनियादी सुविधाएं हो जाने के बाद शुरू होगी प्रक्रिया
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, उच्च न्यायालय के लिए बुनियादी ढांचे की उपलब्धता की पुष्टि के बाद राष्ट्रपति के अनुमोदन से अधिसूचना जारी हो जाएगी और मुख्य सीट अपने स्थान से काम करना शुरू कर देगी। हल्द्वानी में चिन्हित स्थल पर न्यायाधीशों और कर्मचारियों के लिए आवास सहित सभी आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के बाद उच्च न्यायालय की मुख्य सीट को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया आरंभ होगी। https://sarthakpahal.com/