
नई दिल्ली। घटिया गुणवत्ता वाली नकली दवाओं के उत्पादन के खिलाफ कार्रवाई के तहत डीसीजीआई ने 26 फार्मा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 203 कंपनयों को चिन्हित किया गया था, जिनमें 76 फार्मा कंपनियों का संयुक्त निरीक्षण किया गया, जिनमें 45 फार्मा कंपनयां उत्तराखंड की चिन्हित की गयीं। ये अभियान पिछले 15 दिनों से जारी है।
18 कंपनियों के लाइसेंस रद्द
भारत सरकार ने नकली दवाओं के निर्माण के आरोप में 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 20 राज्यों में 76 दवा कंपनियों का निरीक्षण करने के बाद यह फैसला लिया है। ये कार्रवाई यूपी, बिहार, हरियाणा, हिमाचल, गुजरात, उत्तराखंड, दिल्ली समेत देश के 20 राज्यों में की गयी है।
उत्तराखंड की 45 फार्मा कंपनियां चिन्हित
जिन 76 कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है उनमें सबसे अधिक उत्तराखंड की 45, मध्य प्रदेश की 23 और बाकी हिमाचल की कंपनियां हैं। इन सभी कंपनियों पर नकली दवाओं के निर्माण के आरोप लगे थे। पिछले दिनों डग्र कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से दवाओं के मामले में अमेजन और फ्लिपकार्ट को भी नोटिस भेजा गया था। दोनों पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के उल्लंघन का आरोप लगा था। https://sarthakpahal.com/
कफ सिरप पीने से गांबिया और उज्बेकिस्तान बच्चों की मौत की आई थी खबरें
बीते कुछ महीनों में भारतीय कंपनियों की ओर से बनाए गए कफ सिरप पीने से गांबिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों के मौत की खबरें आई थी। इस प्रकरण के बाद से भारतीय दवा कंपनियां सवालों के घेरे में आ गईं थी। दवा कंपनियों के खिलाफ सरकार की ओर से की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। सरकार ने दवाओं के निर्माण मामले में कोई भी ढिलाई नहीं बरतने के संकेत दिए हैं।