हरिद्वार। हरकी पैड़ी में हाथों में मेडल लेकर पहलवान खूब रोये। नरेश टिकैत के समझाने के बाद खिलाड़ी बिना मेडल विसर्जित किए वापस लौट गये। महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न को लेकर सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का एलान किया था। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने हरिद्वार पहुंचे थे। खिलाड़ी अपने मेडल लेकर मालवीय घाट पास बैठ गए। इससे पहले पहलवान मेडल हाथों में लेकर रो पड़े। आसपास के कई लोगों की आंखें भी पहलवानों को देखकर नम हो गईं। दूसरी तरह भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
अब इंडिया गेट पर करेंगे आमरण अनशन
आंदोलनकारी पहलवानों के समर्थन में काफी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता भी हरिद्वार पहुंचे हैं। वहीं, पहलवानों के पहुंचते ही हरकी पैड़ी पर लोगों की भीड़ जुट गई। खिलाड़ियों ने कहा कि मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। कहा कि पहलवान अंदर से ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है। हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। अब लग रहा है कि क्यों जीते थे। https://sarthakpahal.com/
मां गंगा से पवित्र कुछ नहीं, इसलिए उन्हीं की गोद में प्रवाहित करेंगे मेडल
उन्होंने कहा कि इन मेडलों को हम गंगा में बहा रहे हैं। क्योंकि वह गंगा मा हैं। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है।
गंगा सभा ने कहा- ये कोई राजनीति का अखाड़ा नहींं
महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न के विरोध में आज विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया गंगा में मेडल प्रवाहित करने हरिद्वार पहुंचे। लेकिन श्री गंगा सभा ने हरकी पैड़ी पर मेडल विसर्जन करने से उन्हें रोक दिया। श्री गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा है कि हरकी पैड़ी सनातन का पवित्र तीर्थ स्थल है। पहलवान स्नान करें। दानपुण्य कार्य करें। लेकिन मेडल विसर्जन नहीं करने दिया जाएगा। हरकी पैड़ी को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने दिया जाएगा।
नरेश टिकैत के समझाने के बाद लौटे पहलवान
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत पहलवानों से मिलने मौके पर पहुंचे। उन्होंने काफी देर तक पहलवानों को समझाया। उन्होंने पहलवानों को आश्वासन दिया कि वह पहलवानों को इंसाफ दिलाने के लिए वार्ता करेंगे। नरेश टिकैत की बात मानने के बाद पहलवान करीब पौने दो घंटे के बाद वापस दिल्ली लौट गए।