योगी 24 घंटे में रोक सकते हैं फ्रांस के दंगे, जर्मन प्रोफेसर के ट्वीट पर छा गये बाबा
लखनऊ। दुनिया के मशहूर चिकित्सक जर्मन प्रोफेसर एन. जॉन कैंम ने दंगों को रोकने को लेकर योगी आदित्यनाथ के मॉडल की तारीफ की है। उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि फ्रांस में दंगा रोकने के लिए योगी मॉडल अपनाना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि भारत से योगी आदित्यनाथ को फ्रांस में भेजना चाहिए, ताकि वह 24 घंटे में यहां दंगे रुकवा दें। जिसके जवाब में योगी आदित्यनाथ के ऑफिस की ओर से कहा गया है कि पूरी दुनिया आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉडल की तारीफ कर रही है। वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस ट्वीट को फर्जी बताया है।
जर्मन प्रोफेसर एन. जॉन का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छा गए हैं और दंगों को रोकने के लिए उनके जो प्रयास हैं उन पर भी चर्चा हो रही है। खास तौर पर दंगाइयों से रिकवरी और बुलडोजर मॉडल पर भी बात की जा रही है। प्रोफेसर एन. जॉन के ट्वीट के जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑफिस की ओर से अधिकृत ट्वीट किया गया कि जब भी विश्व के किसी भी हिस्से में उग्रवाद दंगे भड़कते हैं, अराजकता फैलती है और कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है, तो दुनिया सांत्वना तलाशती है और उत्तर प्रदेश में सीएम योगी द्वारा स्थापित कानून व्यवस्था के परिवर्तनकारी ‘योगी मॉडल’ की मांग की जाती है।
यूरोप के जाने माने डॉक्टर प्रोफेसर एन. जॉन कैम की फ्रांस में दंगों से निपटने के लिए सीएम योगी को भेजने की मांग पर भाजपा प्रवक्ता हीरो बाजपेई ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यही खासियत है। दंगाइयों की फौज से वे सख्ती से निपटते हैं। पूरी दुनिया इस बात को मान रही है। प्रोफेसर जाॅन को भी योगी की बात भा गई है। इसलिए उन्होंने फ्रांस के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मांग की है। https://sarthakpahal.com/
प्रो. एन जान कैम का ट्वीट पर ओवैसी को लगी मिर्ची
वहीं, ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जर्मन प्रोफेसर एन. जॉन के ट्वीट को फर्जी करार दिया है। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है कि ‘भाई, भाई, भाई! फिरंगियों की तारीफ के इतने भूखें हैं कि किसी फर्जी अकाउंट के ट्वीट से खुश हो रहे हैं?! झूठे एनकाउंटर, गैर-क़ानूनी बुलडोजर कार्यवाही और कमज़ोरों को निशाना बनाना कोई परिवर्तनकारी नीति नहीं है, ये जम्हूरियत का विनाश है। ‘योगी माडल’ का सच तो हमने लखीमपुर खीरी और हाथरस में देखा था।