
यमकेश्वर। यमकेश्वर ब्लाॅक के अंतर्गत देवराणा-तिमल्याणी-सीला मार्ग कई जगहों पर मलबा आने से दस दिनों से बंद है। ऐसे में आसपास के 12 गांवों के ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन गांवों में दवाई, राशन समेत अन्य जरूरी सामान की किल्लत होने लगी है।
पहाड़ों की लाइफ लाइन पर बरसात का कहर
मानसून ने खेती को जरूर उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में राहत दी हो पर सड़कों पर यह बरसात कहर बनकर टूटी हैं। इस मूसलाधार बारिश से पहाड़ों पर कई संपर्क मार्ग जिन्हें हम पहाड़ों की लाइफ लाइन भी कह सकते हैं, बंद पड़े हैं। खास बात तो यह है कि लोनिवि इन बंद पड़े मार्गों को तुरंत खोलने का दावा तो करता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों को कई संपर्क मार्ग ऐसे हैं, जो बरसात में टूटने के कारण बंद ही हो गये हैं। https://sarthakpahal.com/
जिला पंचायत सदस्य गुमाल गांव विनोद डबराल, ग्राम पंचायत तिमल्याणी के प्रधान संजीव खत्री आदि ने बताया कि मार्ग क्षतिग्रस्त होने से गुंडी, ठुंडा, आवई, माला, हर्षोली, काटल, चमकोट, तिमल्याणी, कांडई, देवराना, जया काटल, सीला, ठींगाबांज समेत आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उन्होंने लोनिवि दुगड्डा के अधिकारियों से मार्ग जल्द से जल्द खोलने की मांग उठाई है, लेकिन लोनिवि दुगड्डा के अवर अभियंता अनिल कुमार मोतियान का कहना है कि आपदा न्यूनीकरण मद में प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए जिला प्रशासन को भेजा जा रहा है। बजट मिलते ही क्षतिग्रस्त हिस्से का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।