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‘सांसें अटकीं, इंतजार बाहर आने का…,’ उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद 12 दिन पूरे

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उत्तरकाशी। इस वक्त पूरा देश उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार कर रहा है। उम्मीद है कि 12 दिन पूरे होने के बाद ड्रिलिंग पूरी होने के बाद किसी भी वक्त सुरंग में फंसे मजदूर बाहर आ सकते हैं। गुरुवार रात ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी के कारण बचाव अभियान एक बार फिर रोकना पड़ा। जिस प्लेटफॉर्म पर उपकरण लगा हुआ था, उसमें कुछ दरारें आ गईं हैं।

आखिरी पड़ाव पर रेस्क्यू आपरेशन

उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन अब आखिरी पड़ाव पर है। बचाव दल सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को निकालने के बहुत करीब पहुंच गया है। शुक्रवार को रेस्क्यू ऑपरेशन का 13वां दिन है। अब मजदूरों और रेस्क्यू टीम के बीच महज कुछ मीटर की दूरी है। इससे पहले गुरुवार को एक ऐसा वक्त भी आया, जब संभावना बढ़ गई थी कि कुछ ही घंटे में ऑपरेशन पूरा हो जाएगा। हालांकि, प्लेटफॉर्म पर दरारें दिखाई देने के बाद ड्रिलिंग रोकनी पड़ी थी। शुक्रवार को एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

विश्व का चौथा सबसे लंबा बचाव अभियान
12 दिन से चल रहे इस रेस्क्यू ऑपरेशन में देश की तमाम एजेंसियां लगी हुई हैं. अच्छी बात ये है कि सुरंग में कैद सभी 41 लोग सुरक्षित हैं। कैमरे के माध्यम से उनकी हर गतिविधि पर नजर भी रखी जा रही है। वहीं, इतिहास पर नजर डालें तो ये रेस्क्यू अभियान देश के पहले और दुनिया के चौथे सबसे लंबे अभियान के तौर पर दर्ज हो चुका है। उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन के दौरान छोटे-बड़े रेस्क्यू होते रहते हैं। उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 लोगों का रेस्क्यू भारत का पहला और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बन गया है। ये रेस्क्यू इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि बेहद कठिन परिस्थिति में तमाम एजेंसियां दिन-रात एक करके 41 लोगों की जान बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। https://sarthakpahal.com/

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