देहरादून, 10 जनवरी। श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत अयोध्या से संतों और धर्म गुरुओं की और से रामभक्तों को आमंत्रित करने के लिए पूजित अक्षत कलश देहरादून के द्रोणवाटिका कालोनी पहुंचे। अक्षत कलश के कालोनी में प्रवेश करते ही जोरदार ढंग से स्वागत किया गया। कड़ाके की शर्दी के बावजूद बच्चों और युवाओं में जबर्दस्त उत्साह तो था ही हमारे बड़े-बुजुर्ग भी शायद इसी दिन का इंतजार कर रहे थे। करते भी क्यों नहीं, आखिरकार 500 साल बाद हमारे ईष्टदेव भगवान राम जिन्हें हम सालों से पूजते आ रहे हैं, अपने घर पधार रहे हैं।
पूरी कालोनी पीले वस्त्रों से सज-धजकर अयोध्या से भेजे गये अक्षत कलश का बेसब्री से इंतजार कर रही थी। अक्षत कलश के मंदिर में पहुंचते ही सभी लोगों ने एक साथ आकर कलश यात्रा का स्वागत किया। पूरी द्रोणवाटिका कालोनी जय श्री राम के जयकारों से गुंजायमान हो उठी। नए साल के साथ ही ये महा अभियान शुरू हो गया था। इस अवसर पर कालोनी के अध्यक्ष आरडी यादव के अलावा सभी पदाधिकारीगण मौजूद रहे। शोभा यात्रा में श्रद्धालु पूरे उत्साह के साथ राम के जयकारों पर झूमते रहे।
पीले चावल का हिंदू संस्कृति में महत्व
अयोध्या से जो कलश पहुंचे हैं उनको प्रसिद्ध मंदिरों में स्थापित किया गया है, जहां से जगह-जगह इस कलश में जो पीले चावल हैं उनको घर-घर वितरित किया जा रहा है। 20 जनवरी 2024 तक चावल वितरण का कार्यक्रम चलेगा। पीले चावल का अपना एक अलग महत्व इसलिए होता है, क्योंकि कोई भी शुभ कार्य हो तो पीले चावल बांटकर न्योता दिए जाने की हिंदू संस्कृति के लिहाज से एक परंपरा बनी हुई है जो सदियों से चली आ रही है। https://sarthakpahal.com/
22 जनवरी को होनी की प्राण प्रतिष्ठा
देश भर में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए ‘अक्षत निमंत्रण महा अभियान’ चल रहा है। इसके तहत RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और VHP (विश्व हिन्दू परिषद) के कार्यकर्ता घर-घर जाकर राम मंदिर से जुड़ा पर्चा और पूजित अक्षत दे रहे हैं। निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। ये अक्षत ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट द्वारा भेजे गए हैं।
500 साल बाद भगवान राम अपने घर लौट रहे हैं
भगवान राम 500 वर्षों के वनवास के बाद अपने घर में लौट रहे हैं। ऐसे में घर-घर जाकर हिन्दुओं से कहा जा रहा है कि वो प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अपने आसपास के मंदिर में पहुँचें और वहीं से इस कार्यक्रम का हिस्सा बनें। अक्षत के साथ ट्रस्ट द्वारा भेजा गया सन्देश भी लोगों को दिया जा रहा है। साथ ही राम मंदिर की तस्वीर है, जिसे घर में लगाने के लिए कहा गया है। राम मंदिर में पूजित अक्षत के साथ लोगों को कहा जा रहा है कि आप मानसिक रूप से प्राण कार्यक्रम से जुड़िए।