वाराणसी, 25 जनवरी। कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद का ASI सर्वे कराया गया था। ASI सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि वहां पर पहले बड़ा हिंदू मंदिर था। 18 दिसंबर को एएसआई ने जिला जज की अदालत में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद हिंदू पक्ष ने मांग की थी कि सर्वे रिपोर्ट की कॉपी दोनों पक्षों को सौंपी जाए। इस पर बुधवार 24 जनवरी 2024 को जिला कोर्ट ने सभी पक्षों को सर्वे रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।
ज्ञानवापी में पहले हिंदू मंदिर था
गुरुवार को उन्होंने एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की और कहा कि रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्ञानवापी में पहले हिंदू मंदिर था। जिला जज के नकल विभाग कार्यालय ने ज्ञानवापी मस्जिद की 839 पन्नों की ASI सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट को लेकर गुरुवार को विष्णु शंकर ने प्रेस कांफ्रेंस की थी। एएसआई रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां 32 ऐसे जगह प्रमाण मिले हैं कि जो बता रहे हैं कि वहां हिंदू मंदिर था। देवनागरी, ग्रंथा, तेलगू, कन्नड़ के इंस्क्रिप्शन (पुरालेख) मिले हैं। इसके अलावा जनार्दन, रुद्र और विश्वेश्वर के इंस्क्रिप्शन मिले हैं। रिपोर्ट में एक जगह महामुक्ति मंडप लिखा है। एएसआई कह रहा है कि यह बहुत महत्वपूर्ण बात है।
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 17वीं शताब्दी में मंदिर तोड़ा गया था, फिर उसे मस्जिद बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया। एएसआई ने रिपोर्ट में कहा है कि यहां मस्जिद से पहले हिंदू मंदिर का स्ट्रक्चर था।
तहखाने में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलीं
हिंदू पक्ष वकील ने कहा कि महामुक्ति मंडप यह बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द है जो इसके शिलालेख में मिला है। सर्वे के दौरान एक पत्थर मिला शिलालेख मिला जिसका टूटा हुआ हिस्सा पहले से ASI के पास था। तहखाना में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मिली हैं, जिन्हें तहखाना के नीचे मिट्टी के नीचे दबा दिया गया था। पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का ही हिस्सा है यह पूरी तरीके से स्पष्ट है। 17वीं शताब्दी में हिंदू मंदिर को तोड़ा गया और इसके विध्वंस किए हुए मलबे से ही वर्तमान ढांचे को बनाया गया। हिंदू पक्षकारों का कहना है कि अब सील वजूखाना की एएसआई सर्वे की मांग सुप्रीम कोर्ट से की जायेगी। https://sarthakpahal.com/