ऋषिकेश, 8 मार्च। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट 2025 दिसंबर तक पूरा करने का दावा रेल विकास निगम RVNL ने किया है। 2026 से यात्री ट्रेन से कर्णप्रयाग तक सफर कर सकेंगे ऐसी उम्मीद जताई जा रही है। सुरंगों की खोदाई का कार्य करीब 70 फीसदी पूा हो गया है।
104 किमी में से 75 किमी तक सुरंग का कार्य पूरा
शुक्रवार को रेलवे विकास निगम (आरवीएनएल) परिसर में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने बताया कि 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर लगातार कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक 104 किलोमीटर लंबी सुरंग में से 75 किलोमीटर की सुरंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मापदंडों में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। अनुभवी कंपनियों को कार्य दिया गया है। यादव ने कहा कि सभी सहायक सुरंगें हाईवे से जोड़ी जाएंगी। जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर यात्रियों को सीधे हाईवे पर निकाला जा सके।
जून तक पटरी बिछाने का कार्य होगा शुरू
अजीत सिंह यादव ने बताया कि प्रयास किया जा रहा है कि जून तक पटरी बिछाने का कार्य शुरू कर दिया जाए। पटरी बिछाए जाने के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है। 20 फरवरी को तकनीकी बिड खाेल दी गई है। इसके रिव्यू के बाद अप्रैल माह में वित्तीय बिड भी खोल दी जाएगी। जिसके एक दो माह बाद पटरी बिछाने का कार्य आवंटित कर दिया जाएगा। कहा, परियोजना में कुल 16 रेलवे पुल भी हैं जिनमें से चंद्रभागा, गूलर, लक्ष्मोली व श्रीनगर के रेलवे पुल बन कर तैयार हो चुके हैं। शेष 12 पुलों का निर्माण कार्य भी 50 फीसदी पूर्ण हो चुका है। https://sarthakpahal.com/
स्टेशन निर्माण के लिए अगस्त में टेंडर प्रक्रिया
सीपीएम अजीत सिंह यादव ने बताया कि परियोजना में कुल 12 स्टेशन हैं। जिनमें से वीरभद्र और योगनगरी रेलवे स्टेशन बन कर तैयार हो चुके हैं। अब 10 स्टेशन बनने हैं। स्टेशन निर्माण के लिए अगस्त तक टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। बड़े स्टेशनों में श्रीनगर व कर्णप्रयाग शामिल हैं। जनासू व देवप्रयाग स्टेशनों का कुछ हिस्सा टनल के भीतर है। बाकी सभी स्टेशन टनल के बाहर हैं।