
ऋषिकेश, 10 अप्रैल। ऋषिकेश के चर्चित क्लीनिक पर उस समय हड़कंप मच गई जब ड्रग विभाग उत्तराखंड और दिल्ली से आई टीम संयुक्त रूप कारवाही करते हुए, क्लिनिक के दस्तावेज की जांच पड़ताल कर अहम दस्तावेज खंगाल रही है , साथ ही दवाईयों के नमूने लेकर सैंपल भर रही थी, किसी को भी बाहर अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था।
भारी मात्रा में मिली दवाओं को किया सील
गौरतलब है कि रोग के इलाज में अनाधिकृत दवाओं के उपयोग को लेकर केंद्र और राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने ऋषिकेश में नीरज क्लीनिक में छापेमारी की। इस दौरान टीम ने भारी मात्रा में मिली दवाओं को सील कर दिया। चार दवाओं के सैंपल भी टीम ने लिए हैं। क्लीनिक का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति भी टीम ने की है। बुधवार को हरिद्वार रोड स्थित नीरज क्लीनिक में छापेमारी के लिए औषधि नियंत्रण विभाग की टीम पहुंचते ही हड़कंप मच गया।
आयुष विभाग की टीम भी शामिल थी छापेमारी में
औषधि नियंत्रण विभाग की टीम क्लीनिक में छापेमारी के लिए पहुंची, तो उन्हें कई लिफाफा बंद पैकेट मिले। इन पैकेटों को खाली कराने के बाद उनमें दवाओं की गोलियों को भी कब्जे में लिया गया। यही नहीं, आयुर्वेदिक दवाओं को लेकर आयुष विभाग भी इस बार छापेमारी में शामिल हुआ। आयुष विभाग के अधिकारी भी इस मामले में अलग से कार्रवाई कर सकते हैं। लिफाफों में बंद मिली गोलियों को भी छापेमारी के दौरान कब्जे में लिया गया है।
महाराष्ट्र के एक मरीज ने की थी शिकायत
औषधि निरीक्षक मानवेन्द्र सिंह राणा ने बताया कि महाराष्ट्र के एक मरीज ने नीरज क्लीनिक की दवा की शिकायत औषधि नियंत्रण विभाग भारत सरकार से की थी। शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया था कि क्लीनिक में आर्युवेदिक दवा के नाम पर मरीजों को स्टॉराइड बेचा जा रहा है। उक्त व्यक्ति ने दावा किया था कि उसने क्लीनिक की दवा का परीक्षण एक निजी लैब में करवाया है, जहां इसकी पुष्टि हुई है।भारत सरकार के औषधिक नियंत्रण विभाग ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग को पत्र भेजा था। निर्देंश पर बीते बुधवार औषधि नियंत्रण विभाग भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार के साथ ही विजिलेंस विभाग ने छापेमारी की।
औषधि निरीक्षक मानवेंद्र राणा ने बताया कि कार्रवाई दिन के एक बजे से रात के आठ बजे तक चली। इस दौरान चार दवाओं के सैंपल भी लिए गए। क्लीनिक में कुछ गोलियां भी मरीजों को दी जा रही थी। इन दवाइंयों को सीज किया गया है। क्लीनिक संचालक से सीज की गई औषधियों के बारे में स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। साथ ही क्लीनिक के दवा बेचने के लाइसेंस को निरस्त किए जाने के लिए संस्तुति की गई है।देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/