
रुद्रप्रयाग, 16 मई। केदारनाथ के ऊपर स्थित वासुकीताल क्षेत्र में बिना अनुमति के पर्यटकों और सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स की बढ़ती आवाजाही को लेकर वन विभाग ने सख्त रुख अपनाया है. विभाग की जानकारी में आया है कि हाल के दिनों में कई पर्यटक, यूट्यूबर्स और कंटेंट क्रिएटर्स केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत आने वाले वासुकीताल क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, जो कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है. जिस पर अब बिना परमिट के जाने पर पाबंदी लगा दी गई है.
काफी अहम और संवेदनशील जगह है वासुकीताल
बता दें कि वासुकीताल समुद्र तल से करीब 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है, लेकिन यह क्षेत्र जैव विविधता और वन्यजीवों के संरक्षण के लिहाज से भी अत्यंत संवेदनशील है. ऐसे में अनाधिकृत गतिविधियां न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं.
वासुकीताल जाकर रील और वीडियो बनाने की होड़
केदारनाथ धाम की यात्रा में पहुंच रहे पर्यटक, इंस्टाग्रामर्स, यूट्यूबर्स और अन्य कंटेंट क्रिएटर्स केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत आने वाले वासुकीताल क्षेत्र का दौरा भी कर रहे हैं. वे यहां गंदगी फैला रहे हैं. जबकि, यहां के प्राकृतिक सौंदर्य से भी खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे में वन विभाग ने सख्त रूख अपनाते हुए चेतावनी जारी की है.
यह क्षेत्र संरक्षित है और इसमें प्रवेश के लिए वैध परमिट अनिवार्य है. बावजूद इसके कई लोग नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारियां प्रसारित कर रहे हैं. बिना पूर्व अनुमति के क्षेत्र में प्रवेश करने या शिविर लगाने वालों के खिलाफ 3 साल तक की जेल या एक लाख रुपए तक का जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है. ऐसे सभी मामलों पर विभाग की नजर है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
-तरुण एस, उप वन संरक्षक, केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग