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NCERT ने कक्षा 3 से 12 तक की कक्षाओं के लिए ऑपरेशन सिंदूर पर तैयार किया विशेष पाठ

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नई दिल्ली, 20 अगस्त। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी NCERT ने बड़ा कदम उठाया है। NCERT ने कक्षा 3 से लेकर कक्षा 12 तक के लिए ऑपरेशन सिंदूर पर दो विशेष पाठ को पेश किया है। आपको बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा धर्म पूछकर 26 भारतीय लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। इस ऑपरेशन में पहले पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया और फिर पाकिस्तान की सेना को भी घुटनों पर ला दिया गया था। आइए जानते हैं कि एनसीईआरटी ने अपने इस विशेष पाठ में क्या कुछ बताया है।

पहलगाम में मारे गए लोगों के सम्मान का वादा
एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 3 से 8 तक के लिए ऑपरेशन सिंदूर पर दो विशेष पाठ में बताया गया है कि ये ऑपरेशन न केवल एक सैन्य अभियान था, बल्कि यह शांति की रक्षा करने और पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के सम्मान का वादा भी है। आपको बता दें कि एनसीईआरटी ने ऑपरेशन सिंदूर के सफल होने के करीब तीन महीने बाद ये कदम उठाया है।

विशेष पाठ में क्या बताया गया?
एनसीईआरटी की ओर से पेश किए गए एक पाठ में बताया गया है कि भारत ने 7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoJK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को मिसाइलों और हवाई हमलों से निशाना बनाया। 7 आतंकी ठिकानों को थल सेना और मुरीदके और बहावलपुर में 2 आतंकी ठिकानों को जो कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के केंद्र थे उन्हें वायुसेना ने तबाह कर दिया। एनसीईआरटी ने अपने पाठ में बताया है कि हर लक्ष्य की दोबारा जांच की गई और सिर्फ आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया गया।

क्या है पाठ का शीर्षक?
एनसीईआरटी ने कक्षा 3 से 8 तक के लिए दो मॉड्यूल का शीर्षक ‘ऑपरेशन सिंदूर- वीरता की गाथा’ और कक्षा 9 से 12 के लिए मॉड्यूल का शीर्षक ‘ऑपरेशन सिंदूर- सम्मान और वीरता का मिशन’ रखा है। इन मॉड्यूल का मकसद स्कूल के बच्चों के बीच भारत की सैन्य शक्ति के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसमें एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का भी जिक्र किया गया है, जिसने दुश्मन के विमानों को मार गिराया और दुश्मन के ड्रोन भी नष्ट किए।

एनसीईआरटी की ओर से पेश किए गए पाठों में से एक में बताया गया है- “अतीत में, भारत अपने लोगों के लिए खड़े होने से कभी नहीं कतराया। भारत ने 1947, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में कड़ा जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर भी जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन (एचयूएम) और पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के नेतृत्व वाले आतंकवाद को रोकने का भारत का तरीका था। यह सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं था; यह शांति की रक्षा और मारे गए लोगों के सम्मान का वादा भी है।’’

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