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गणेशोत्सव की तैयारियां पूरीं, आज विराजेंगे विघ्नविनाशक, विघ्नहर्ता, गणपति बप्पा

देहरादून, 26 अगस्त। बुधवार को गणेश चतुर्थी के साथ शुरू होने जा रहे गणपति उत्सव को लेकर लोगों में उत्साह का माहौल है। मंदिरों के अलावा शहर में कई जगह पंडाल लगाकर उत्सव की तैयारियां चल रही हैं। प्रेमनगर क्षेत्र के विंग नंबर-6 में श्रीराम मंदिर में गणपति बप्पा की प्रतिमा विधि-विधान से विराजमान की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता से आवाह्न किया है कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए साथ ही इको फ्रेंडली उत्पादों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें. जिसका असर देश भर में देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में राजधानी देहरादून में स्वयं सहायता समूह स्वदेश कुटुंब की ओर से भगवान गणेश की इको फ्रेंडली मूर्तियां तैयार की गई है. इन मूर्तियों की खास बात यह है कि यह सभी मूर्तियां गाय के गोबर से तैयार की गई है.

गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में हर साल बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत भादो शुक्ल चतुर्थी पर गणेश प्रतिमा की स्थापना से होती है. और इसका समापन अनंत चतुर्दशी पर होता है. इस दौरान साधक भगवान गणेश को अपने घर लाते हैं और उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं. इस साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्षी की चतुर्थी तिथि 27 अगस्त आज है.
21 इंच की सबसे बड़ी मूर्ति
पिछले साल के मुकाबले इस साल गोबर से बनी गणेश जी की मूर्तियों की डिमांड काफी अधिक देखी जा रही है. क्योंकि इस साल गोबर से बने गणेश जी की मूर्तियां की बुकिंग काफी समय पहले से ही उनके पास आ गई थी. ऐसे में बुकिंग के आधार पर उन्होंने मूर्तियां तैयार की है. साथ ही जिन्होंने बुकिंग नहीं कराई है उन लोगों के लिए भी उनके पास मूर्तियां उपलब्ध हैं. इस साल सबसे बड़ी मूर्ति उन्होंने 21 इंच की तैयार की है. क्योंकि इसके लिए स्पेशल ऑर्डर उन्हें दिया गया था. इसके अलावा अधिकांश मूर्तियां ढाई इंच से लेकर के 18 इंच तक की तैयार की है, जिसकी काफी अधिक डिमांड है, और लोग बढ़ चढ़कर खरीद रहे हैं.
पिछले साल के मुकाबले इस साल गोबर से बनी गणेश जी की मूर्तियों की डिमांड काफी अधिक देखी जा रही है. क्योंकि इस साल गोबर से बने गणेश जी की मूर्तियां की बुकिंग काफी समय पहले से ही उनके पास आ गई थी. ऐसे में बुकिंग के आधार पर उन्होंने मूर्तियां तैयार की है. साथ ही जिन्होंने बुकिंग नहीं कराई है उन लोगों के लिए भी उनके पास मूर्तियां उपलब्ध हैं. इस साल सबसे बड़ी मूर्ति उन्होंने 21 इंच की तैयार की है. क्योंकि इसके लिए स्पेशल ऑर्डर उन्हें दिया गया था. इसके अलावा अधिकांश मूर्तियां ढाई इंच से लेकर के 18 इंच तक की तैयार की है, जिसकी काफी अधिक डिमांड है, और लोग बढ़ चढ़कर खरीद रहे हैं.
गणपति प्रतिमा की स्थापना का मुहूर्त क्या है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 27 अगस्त को गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर दोपहर को 1 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. यह समय गणपति की स्थापना और पूजा के लिए उत्तम रहेगा. हालांकि अलग-अलग शहरों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त थोड़ा अलग रहेगा.
गणेश स्थापना पूजा विधि (Ganesh Puja Vidhi)
सबसे पहले घर के पूजा स्थान को अच्छे से साफ करें और उसे फूल, रंगोली व सजावटी वस्तुओं से सुंदर बनाएं.
शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा को एक वेदी (चौकी) पर स्थापित करें. वेदी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाएं.
पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, अक्षत (चावल) और फूल लेकर व्रत व पूजा का संकल्प करें.
‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करते हुए गणपति बाप्पा का आह्वान करें.
भगवान की प्रतिमा को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं.
इसके बाद उन्हें नए वस्त्र, पुष्प और आभूषण पहनाएं.
गणेश जी को उनका प्रिय भोग मोदक और लड्डू चढ़ाएं. साथ ही दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर अर्पित करें.
अंत में पूरे परिवार के साथ गणपति जी की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें.
गणेश जी को “विघ्नहर्ता” और “सिद्धि विनायक” का स्वरूप माना गया. कहा जाता है कि इस दिन उनकी आराधना करने से हर कार्य में सफलता और समृद्धि मिलती है.