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कांग्रेस ने राजभवन कूच के दौरान बैरिकेडिंग पर चढ़कर लगाए नारे, हिरासत में लिए 150 कार्यकर्ता

देहरादून, 26 अगस्त। वोट चोरी, लचर कानून व्यवस्था और आपदा में कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने राजभवन कूच किया। हाथीबड़कला में पुलिस ने कांग्रेसियों को रोक लिया। इस दौरान नेताओं ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। करीब 150 नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लेकर पुलिस लाइन पहुंचाया।
मंगलवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और विधायक प्रीतम सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों समर्थकों ने राजभवन कूच किया। कांग्रेस मुख्यालय से राजपुर रोड होते हुए कांग्रेसी हाथीबड़कला पहुंचे जहां पहले से तैनात पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया। इस पर नेताओं और समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। कई नेता सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कानून व्यवस्था बिगड़ती देख कई नेताओं को हिरासत में लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि आज प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने इस तरह की घटनाओं में भाजपा सरकार व पार्टी के दायित्वधारियों, पदाधिकारियों के संलिप्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर भाजपा ने वोटों की डकैती की और प्रदेश को बिहार व उत्तर प्रदेश की तर्ज पर माफिया और अपराधियों का राज्य बना दिया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी भाजपा पर जमकर निशाना साधा।
हरक सिंह में दिखा जोश, अलग अंदाज में ललकारा
कूच के दौरान पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह में काफी जोश दिखा। उनके उत्साह को देखकर समर्थकों में भी जोश भर गया। उन्होंने सरकार को अलग अंदाज में ललकारा। वह कांग्रेस भवन से लेकर हाथीबड़कला तक सरकार पर निशाना साधते रहे। नारे लगाने के अलग अंदाज से समर्थक भी उत्साहित नजर आए।
कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ी
राजभवन कूच के दौरान एक कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ गई। पुलिस बैरिकेडिंग के पास वह बेहोश हो गया। अन्य समर्थकों ने उसे पानी पिलाया और वहीं पर लेटने के लिए कहा। इसके अलावा भी कई कार्यकर्ताओं की सांस फूल गईं।
रास्ता बंद होने से परेशान रहे अभिभावक और बच्चे
हाथीबड़कला के पास पुलिस बैरिकेडिंग से रास्ता बंद हो गया। इस दौरान अपर कैंप स्कूल से अपने बच्चों को लाने के लिए अभिभावकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। एक महिला ने बताया कि उनके बेटे की छुट्टी के समय रास्ता बंद होने से वह आगे नहीं जा पाई। कई और अभिभावकों को भी करीब 12 किमी का चक्कर काटकर राजपुर रोड होते हुए स्कूल तक जाना पड़ा। इस दौरान बच्चे भी परेशान नजर आए।