देश-विदेशबड़ी खबरयूथ कार्नरशिक्षासामाजिकस्वास्थ्य

तंबाकू-सिगरेट, कोल्‍ड ड्रिंक्‍स और भी महंगे होंगे , 40% GST ही नहीं, एक्‍स्‍ट्रा टैक्‍स भी लगेगा!

Listen to this article

नई दिल्ली, 5 सितम्बर। GST रिफॉर्म के तहत तंबाकू, सिगरेट और कोल्‍ड ड्रिंक्‍स जैसे सिन प्रोडक्‍ट्स पर 40 फीसदी जीएसटी लगाया गया है. लेकिन अब इन उत्‍पादों पर और भी ज्‍यादा टैक्‍स लग सकता है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि सरकार इन चीजों पर टैक्‍स को और भी अधिक बढ़ा सकती है.

सरकार तंबाकू और सिगरेट जैसे हानिकारक वस्‍तुओं पर टैक्‍स के इम्‍पैक्‍ट को वर्तमान स्‍तर पर बनाए रखने के लिए 40% GST के अलावा, सेस भी लगा सकती है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि GST के तहत, 40% अधिकतम टैक्‍स लगाया जा सकता है. बाकी टैक्‍स को वर्तमान स्तर पर बनाए रखने के लिए कोई व्यवस्था करेंगे.

हालांकि उन्‍होंने उस व्‍यवस्‍था के बारे में विस्‍तार से जानकारी नहीं दी है. उन्होंने बिजनेस टुडे को दिए एक इंटरव्‍यू में आगे कहा कि अगर विधायी संशोधन या विधेयक की आवश्यकता होगी तो उस पर ध्यान दिया जाएगा.

लग्‍जरी कार-बाइक पर एक्‍स्‍ट्रा टैक्‍स नहीं
उन्‍होंने यह भी स्‍पष्‍ट किया कि लग्‍जरी कारों, लग्‍जरी बाइक और सुपर लग्‍जरी अन्‍य वस्‍तुओं जैसी वस्‍तुओं एक्‍स्ट्रा टैक्‍स नहीं लगाया जाएगा. उनपर 40 फीसदी का ही टैक्‍स लगेगा.

नए जीएसटी रिफॉर्म के तहत हानिकारक वस्‍तुओं और सुपर लग्‍जरी आइटम्स पर मौजूदा 28% के बजाय 40% टैक्‍स लगेगा. अग्रवाल ने आगे बताया कि हानिकार सबटैक्‍स 28 फीसदी दिसंबर 2025 तक जारी रहने की संभावना है, जबकि पहले यह उम्मीद थी कि यह इस साल 31 अक्टूबर तक यह समाप्त हो जाएगा.

22 सितंबर से लागू करने पर चल रहा काम
उन्‍होंने कहा कि CBIC जीएसटी की नई दरों को लागू करने के लिए भी काम कर रहा है, जो 22 सितंबर से लागू होंगी. अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में दो प्रॉसेस चल रही हैं.

पहला- हमें आवश्यक नोटिफिकेशन जारी करनी होंगी, और केंद्र के साथ-साथ राज्यों द्वारा भी नोटिफाई किए जाएंगे. हम जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर लेंगे.

दूसरा- दरों में बदलाव, नया आसान रजिस्‍ट्रेशन प्रॉसेस और रिफंड प्रॉसेस को ध्यान में रखते हुए, हमारी आईटी सिस्‍टम में आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि उद्योग को भी 22 सितंबर से अपने ERP को नई दरों के साथ अपडेट करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इनवॉयसिंग सही ढंग से की जा रही है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button