
चमोली, 8 सितम्बर। सोमवार को केंद्र सरकार की अंतर मंत्रालय की टीम के सदस्यों ने आपदा प्रभावित क्षेत्र थराली का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने चमोली जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र चेपडो, नंदा नगर, कर्णप्रयाग और जोशीमठ क्षेत्र का एरियल सर्वे भी किया। इसके बाद टीम के सदस्यों ने राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज कुलसारी में आपदा से हुए नुकसान का आकलन किया।
जिलाअधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चमोली जिले में हुई अतिवृष्टि और आपदा की विस्तृत रिपोर्ट टीम के सदस्यों के सामने प्रस्तुत की। उन्होंने थराली, चेपडो और नंदानगर में हुए नुकसान और सरकारी परिसंपत्तियों की क्षति के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत की। एरियल सर्वे, विशेष सेंसर और कैमरों से लैस विमानों या ड्रोन का उपयोग करके, हवाई परिप्रेक्ष्य से भूमि या बड़े क्षेत्र के बारे में डेटा एकत्र करने की एक प्रक्रिया है। इस सर्वेक्षण का उपयोग नगर नियोजन, निर्माण, कृषि और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में विस्तृत और सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
उन्होंने बताया कि आपदा से चमोली जिले में 115 करोड़ से अधिक की क्षति हुई है। उन्होंने विभिन्न विभाग बार परिसंपत्तियों के नुकसान का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। बताया कि सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई की सड़कों का हुआ है। हालांकि थराली में आपदा में जान की अधिक क्षति नहीं हुई है। एक युवती की मृत्यु और एक व्यक्ति लापता है। लेकिन कई परिवारों के आशियाने उजड़ गए हैं। साथ ही 50 से अधिक दुकानों के क्षतिग्रस्त होने से लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।