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6 मार्च 2027 से शुरू होगा हरिद्वार अर्धकुंभ, पहली बार साधु-संन्यासियों के साथ होंगे 3 अमृत स्नान

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हरिद्वार, 14 सितम्बर। साल 2027 में अर्धकुंभ मेला धर्म नगरी हरिद्वार में लगेगा। आपको बता दें कि साल 2027 में हरिद्वार का अर्धकुंभ मेला बेहद खास माना जा रहा है। हरिद्वार के अर्धकुंभ में अब तक आम लोग ही कुंभ के दौरान स्नान करते थे लेकिन साल 2027 में साधु-संन्यासी और अखाड़े भी अर्धकुंभ में डुबकी लगाएं। अमृत स्नान की तिथियां भी अखाड़ा परिषद के द्वारा निर्धारित कर दी गई हैं।
संतों का आशीर्वाद लेकर नगाड़ा बजाकर अर्द्धकुंभ मेले व शीघ्र शुरू होने वाली छड़ी यात्रा की तैयारियों का शुभारंभ घोषित किया। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता में पूजा-अर्चना व हवन संपन्न हुआ। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि अर्द्धकुंभ मेले व छड़ी यात्रा की तैयारियां संतों द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर ही की जाएंगी। साथ ही नासिक में 2026-27 में लगने वाले त्रिखंडात्मक सिंहस्थ कुंभ मेले की तारीखों की भी घोषणा कर दी गई है।
31 अक्टूबर 2027 को नासिक में लगेगा सिंहस्थ महाकुंभ
सिंहस्थ कुंभ मेले का शुभारंभ 31 अक्टूबर 2026 को सिंहस्थ ध्वजारोहण से होगा। प्रथम अमृत स्नान दर्श अमावस्या 2027 को होगा, उस दिन सूर्यग्रहण भी रहेगा। श्रावण अमावस्या का दूसरा अमृत स्नान दो अगस्त तथा तीसरा अमृत स्नान वामन द्वादशी को 12 सितंबर को होगा। मेले का समापन 24 जुलाई 2028 को होगा।
हरिद्वार अर्धकुंभ होगा ऐतिहासिक 
हरिद्वार में होने वाला अर्धकुंभ मेला बेहद ऐतिहासिक माना जा रहा है। 2027 में पहली बार ऐसा होगा जब साधु-संन्यासियों के साथ वैरागी और उदासीन आखाड़े तीन अमृत या शाही स्नान करेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी आप इस बात को सुनिश्चित कर दिया है। अखाड़ा परिषद के द्वारा साल 2027 में होने वाले अर्धकुंभ के दौरान अमृत स्नान करने की तिथियों का भी ऐलान कर दिया गया है।
अर्धकुंभ 2027 में अमृत स्नान की तिथियां 
अखाड़ा परिषद के अनुसार हरिद्वार अर्धकुंभ का पहला शाही स्नान 6 मार्च को महाशिवरात्रि के पवित्र त्योहार के दौरान किया जाएगा। इसके बाद दूसरा स्नान सोमवती अमावस्या पर होगा जो कि 8 मार्च को है। अंतिम अमृत स्नान के लिए मेष संक्रांति का दिन तय किया गया है जो कि 14 मार्च को है। इससे पहले मकर संक्रांति पर भी स्नान किया जाएगा लेकिन इसे अमृत स्नान की श्रेणी में नहीं रखा गया है। आपको बता दें कि सरकार के द्वारा अभी अमृत स्नान की तारीखें घोषित नहीं की गई हैं लेकिन कुछ समय के उपरांत यह औपचारिकता भी पूरी कर दी जाएगी। सरकार की घोषणा के बाद ही अमृत स्नान के लिए बंदोबस्त की तैयारियां भी शुरू होंगी।
क्यों खास है हरिद्वार अर्धकुंभ 2027?
हरिद्वार में होने वाला अर्धकुंभ मेला अब तक केवल श्रद्धालुओं के स्नान तक ही सीमित रहा है। इसका कारण यह है कि जिस साल हरिद्वार में अर्धकुंभ का आयोजन होता है उस साल उज्जैन या फिर त्र्यंबकेश्वर नासिक में सिंहस्थ पर्व मनाया जाता है। इसलिए हरिद्वार की बजाए संन्यासियों के अखाड़े उज्जैन या फिर त्र्यंबकेश्वर कूच कर जाते थे, क्योंकि अर्धकुंभ और सिंहस्थ पर्व लगभग कुछ दिनों की अंतराल में ही आयोजित होते थे। हालांकि साल 2027 में हरिद्वार में अर्धकुंभ मार्च-अप्रैल में है जबकि नासिक में सिंहस्थ पर 2027 जुलाई अगस्त में होगा। ऐसे में अखाड़ा परिषद को दोनों आयोजनों में हिस्सा लेने में आसानी होगी। इसीलिए साल 2027 के हरिद्वार अर्धकुंभ को विशेष माना जा रहा है और इस बार हरिद्वार में भी लोग अमृत स्नान का भव्य दृष्य देख पाएंगे।

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