
देहरादून, 23 सितम्बर। वर्ष 2011 से पूर्व भर्ती बेसिक शिक्षक को टीईटी TET की अनिवार्यता मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट में लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था TET पास करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर, 2025 को एक फैसला दिया, जिसमें 55 वर्ष आयु तक के देशभर के बेसिक शिक्षकों को अगले दो वर्ष के भीतर अनिवार्य रूप से TET उत्तीर्ण करना होगा। इस फैसले से प्रदेश के लगभग 12 हजार शिक्षकों पर TET करने की तलवार लटक गई। इस फैसले को लेकर उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से आग्रह किया था कि वह सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दर्ज करें ताकि वर्ष 2011 से पूर्व सेवारत शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता से राहत मिल सके।
संघ ने तर्क दिया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत पूरे देश में शिक्षकों के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। उत्तराखंड प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली में वर्ष 2011 से शिक्षक इसी प्राविधान के तहत नियुक्त हो रहे हैं, लेकिन इससे पहले नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति तत्कालीन नियमावली के अनुसार हुई थी।
ऐसे में वर्ष 2011 से पहले नियुक्त शिक्षक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मानसिक तनाव में हैं। संघ ने मांग की थी कि आरटीई लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए। अब सरकार के फैसले पर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने प्रसन्नता व्यक्त की और मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया।