
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला. 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 2,700 रुपये की छलांग के साथ 1,23,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है.
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, सोने की इस तेजी के पीछे विदेशी बाजारों में बढ़ती मांग और रुपये की कमजोरी बड़ी वजह रही. शुक्रवार को सोना 1,20,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था, यानी सिर्फ एक कारोबारी सत्र में ही 2,700 रुपये की बढ़त दर्ज हुई. वहीं 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,22,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया जो पहले 1,20,000 रुपये था.
डॉलर की कमजोरी से बढ़ी मांग
सोने में इस उछाल की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी रही. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (जिंस) सौरमिल गांधी ने बताया कि निवेशक अब भी गोल्ड को सेफ इन्वेस्टमेंट मान रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले महीनों में सोने के दाम और बढ़ सकते हैं. गांधी ने कहा कि अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप होने की आशंका और वहां की आर्थिक अनिश्चितता ने गोल्ड को निवेशकों की पहली पसंद बना दिया है. यही वजह है कि घरेलू बाजारों में भी सोने की खरीद बढ़ रही है.
चांदी में भी जबरदस्त तेजी
सोने की तरह चांदी में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला. चांदी की कीमत 7,400 रुपये उछलकर 1,57,400 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई. शुक्रवार को इसका भाव 1,50,000 रुपये प्रति किलो था. यानी सिर्फ एक दिन में ही करीब 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी. इस साल चांदी के भाव अब तक 75 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ चुके हैं. दिसंबर 2024 में चांदी 89,700 रुपये प्रति किलो थी, जो अब बढ़कर 1.57 लाख रुपये के पार चली गई है.
इंटरनेशनल मार्केट में भी उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी हाजिर सोना करीब 2 प्रतिशत बढ़कर 3,949.58 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है. वहीं चांदी भी एक प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 48.75 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई. कोटक सिक्योरिटीज की कायनात चैनवाल ने कहा कि अमेरिका में सरकार के कामकाज ठप होने के छठे दिन अंतरराष्ट्रीय सोना पहली बार 3,940 डॉलर के पार गया है
विशेषज्ञ बोले: 2025 अनिश्चितताओं का साल
अग्मोंट की रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी ने कहा कि 2025 में वैश्विक अनिश्चितताओं, ब्याज दरों में कटौती, भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी जैसे कारकों ने सोने और चांदी दोनों को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया है. केंद्रीय बैंकों की लगातार गोल्ड खरीदारी, गोल्ड ईटीएफ में बढ़ती दिलचस्पी और खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी ने भी इस तेजी को और बल दिया है.