
देहरादून, 7 अक्टूबर। उत्तराखंड ने अहमदाबाद में बना एक और कफ सिरप रेस्पिफ्रेश टीआर पर प्रतिबंध लगा दिया है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने इस संबंध में सभी औषधि नियंत्रकों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
राजस्थान व मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटना के बाद उत्तराखंड में एफडीए की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। इससे पहले प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ व डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न हाइड्रोब्रोमाइड सिरप की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। मंगलवार को एफडीए ने रेस्पिफ्रेश टीआर सिरप (ब्रोमहेक्सिन एचसीएल,टरबुटालाइन सल्फेट) को प्रतिबंधित कर दिया है।
एफडीए के अपर आयुक्त एवं राज्य ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि प्रतिबंधित कफ सिरप के खिलाफ पूरे प्रदेश में औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की जा रही है। 65 कफ सिरप के सैंपल जांच के लिए देहरादून स्थित प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। सैंपल जांच के लिए 15 दिन की समय सीमा तय की गई है, जिससे सिरप की गुणवत्ता मानकों पर खरा न उतरने पर कार्रवाई की जा सके।
निरीक्षण टीम और नेतृत्व
निरीक्षण टीमें मेें अपर आयुक्त ताजवर सिंह जग्गी, उप औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी, सहायक औषधि नियंत्रक सुधीर सिंह, औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा, औषधि निरीक्षक निधि रतूड़ी, तथा औषधि निरीक्षक विनोद जगुड़ी टीम समेत कई विभागीय अधिकारी शामिल थे।
औषधि विभाग का यह अभियान जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक कदम है। किसी भी स्तर पर लापरवाही या नियम उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध या बिना लेबल औषधि की जानकारी निकटतम औषधि निरीक्षक या विभागीय हेल्पलाइन को दें, ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री