
देहरादून, 11 अक्टूबर। उत्तराखंड में बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर औषधि विभाग का अभियान लगातार जारी है. औषधि विभाग ने बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रदेश के सभी जिलों में छापेमारी के सिलसिले को तेज कर दिया है. प्रदेशभर में कफ सिरप की गुणवत्ता और उसकी वैधानिकता की जांच के लिए मेडिकल स्टोर्स, होलसेल डिपो, फार्मा इंडस्ट्री और बच्चों के अस्पतालों पर औचक निरीक्षण लगातार जारी हैं.
दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी स्थिति में प्रतिबंधित सिरप न लिखें
देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और बागेश्वर समेत बड़े शहरों और जिलों में औषधि निरीक्षकों की टीम औचक निरीक्षण अभियान चला रही हैं. अब तक 350 से अधिक सैंपल लिए जा चुके हैं, जबकि एक दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं. कई मेडिकल स्टोर्स को कड़ी चेतावनी दी गई है. स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी बाल चिकित्सकों से अपील की है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी स्थिति में प्रतिबंधित सिरप न लिखें. इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग खुद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त आर राजेश कुमार कर रहे हैं.
शहर-शहर जारी है छापेमारी
अभियान का नेतृत्व अपर आयुक्त (एफडीए) ताजबर सिंह जग्गी कर रहे हैं, जिनके दिशा-निर्देश में राज्यभर की औषधि निरीक्षक टीमें सक्रिय हैं. विभाग ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए औषधि विभाग ने देहरादून शहर भर में औचक निरीक्षण अभियान चलाया. औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में टीम ने पलटन बाजार, घंटाघर, ऋषिकेश रोड, जौलीग्रांट, अजबपुर और नेहरू कॉलोनी क्षेत्रों में मेडिकल स्टोर्स और थोक विक्रेताओं की जांच की.
11 औषधियों के नमूने जांच के लिए लिए गए
निरीक्षण के दौरान बच्चों की सर्दी-खांसी की कुछ दवाएँ अलग से स्टोर पायी गयी, जिन्हें मौके पर सील कर दिया गया और बिक्री पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई. अधिकांश विक्रेताओं ने प्रतिबंधित सिरप की बिक्री पहले ही बंद कर दी थी, जबकि जहां स्टॉक मिला, उसे पेटियों में डालकर सील किया गया. कार्रवाई के दौरान एक मेडिकल स्टोर को बंद किया गया और 11 औषधियों के नमूने जांच के लिए लिए गए. टीम ने बताया कि SYP. Coldrif, SYP. Respifresh-TR और SYP. Relife जैसी दवाएं स्टोर्स पर नहीं मिलीं.
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ स्टोर्स में बच्चों की सर्दी-खांसी की दवाइयां (सिरप) अलग से स्टोर थीं. टीम ने मौके पर ही इन दवाओं को सील कर दिया और स्पष्ट निर्देश दिए कि अगले आदेश तक इनकी बिक्री प्रतिबंधित रहेगी. अधिकांश मेडिकल स्टोर्स ने शासन के आदेशों का पालन करते हुए प्रतिबंधित सिरप की बिक्री पहले ही रोक दी है. निरीक्षण के दौरान कुल 06 औषधियों के नमूने गुणवत्ता जांच के लिए एकत्र किए गए.
-निधि रतूड़ी, औषधि निरीक्षक
मुखानी में 7 मेडिकल स्टोर्स पर छापा
हल्द्वानी के मुखानी क्षेत्र में औषधि विभाग की टीम ने सात मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया. इस दौरान दो कफ सिरप के नमूने जांच के लिए लिए गए. टीम ने सभी विक्रेताओं को शासन-प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए. इसी तरह, अल्मोड़ा जिले में औषधि विभाग की टीम ने औचक निरीक्षण के दौरान एक मेडिकल स्टोर से कफ सिरप का एक नमूना परीक्षण के लिए लिये. बागेश्वर जिले के गरुड़ क्षेत्र में दो मेडिकल स्टोर्स पर जांच की गई, जहाँ से दो बाल चिकित्सा सिरप के नमूने गुणवत्ता परीक्षण के लिए एकत्र किये गये.
बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएया. अभियान के तहत हर जिले की टीम से प्रतिदिन रिपोर्ट ली जा रही है. जहाँ लापरवाही पाई जाएगी, वहाँ लाइसेंस निरस्तीकरण सहित कठोर कार्रवाई की जाएगी. ये अभियान केवल मेडिकल स्टोर्स और होलसेल दवा डिपो तक ही सीमित नहीं है, बल्कि फार्मा कंपनियों और बाल चिकित्सालयों तक भी विस्तारित किया गया है.
-आर राजेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव एवं एफडीए आयुक्त
ये अभियान यहीं नहीं रुकेगा. राज्यभर में बच्चों के लिए असुरक्षित दवाओं की बिक्री और भंडारण पर सख्त निगरानी रखी जाएगी. सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है राज्य के नागरिकों, विशेषकर बच्चों को केवल सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण औषधियाँ ही मिलें.
-ताजबर सिंह जग्गी, अपर आयुक्त, एफडीए