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कोटद्वार विधानसभा सीट पर असमंजस बरकरार

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देहरादून। 2012 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी (सेनि) की अप्रत्याशित हार के बाद से चर्चाओं में रही कोटद्वार सीट इस बार भी सुर्खियां बटोर रही है। हर चुनाव में सीट बदलकर चुनाव लड़ने वाले उलटफेर के माहिर हरक सिंह रावत ने 2016 में भाजपा का दामन थामा और खंडूड़ी की हार का बदला लेने की शपथ लेकर 2017 में कोटद्वार से जीत हासिल की। लेकिन इस बार हालात कुछ और ही इशारा कर रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी की बात करें तो उसके प्रमुख दावेदारों में सुरेंद्र सिंह नेगी, जिन्होंने 2012 में बीसी खंडूड़ी को धूल चटाई थी, प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। पिछले ढाई दशक से पार्टी में सक्रिय प्रवेश रावत जो कि युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं, का नाम आता है। भाजपा के दावेदारों में सबसे पहला नाम हरक सिंह रावत का आता है। वे मौजूदा समय में यहीं से विधायक भी हैं, और संगठन के साथ-साथ पार्टी हाईकमान में भी उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। वैसे भी चुनावी गणित में उलटफेर करने में हरक सिंह रावत माहिर हैं। धीरेंद्र चौहान को पार्टी ट्रंप कार्ड के रूप में आजमा सकती है।

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