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विजिलेंस ने 20 हजार रिश्वत लेते प्रभारी मेडिकल आफीसर को रंगे हाथ पकड़ा

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पौड़ी, 3 नवम्बर। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान (Vigilance Establishment) की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में विजिलेंस सेक्टर देहरादून की टीम ने नैनीडांडा सीएचसी (CHC Nainidanda) के प्रभारी मेडिकल ऑफिसर डॉ. आशुतोष त्रिपाठी को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

पोस्टिंग बनाए रखने के बदले मांगी रिश्वत
विजिलेंस से मिली जानकारी के अनुसार, डॉ. त्रिपाठी ने अदालीखाल पीएचसी (PHC Adalikhall) में तैनात एक नर्सिंग अधिकारी से उसकी पोस्टिंग वहीं बनाए रखने के एवज में ₹20,000 की रिश्वत मांगी थी। शिकायत की पुष्टि होने के बाद विजिलेंस की ट्रैप टीम ने जाल बिछाया और डॉक्टर को रिश्वत की रकम स्वीकार करते ही पकड़ लिया।

आवास पर भी हुई तलाशी
गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी की टीम ने डॉ. त्रिपाठी के आवास पर तलाशी अभियान चलाया। टीम को उम्मीद है कि तलाशी के दौरान चल-अचल संपत्ति और आय से अधिक संपत्ति से संबंधित कई अहम दस्तावेज मिल सकते हैं।

विजिलेंस टीम को नकद पुरस्कार
सफल ट्रैप कार्रवाई के बाद सतर्कता अधिष्ठान मुख्यालय के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने विजिलेंस टीम को ₹2,500 का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। यह कार्रवाई राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान की सक्रियता को दर्शाती है।

जनता से की गई अपील
सतर्कता अधिष्ठान ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि यदि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है या अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करता है, तो उसकी सूचना तुरंत दें।
इसके लिए हेल्पलाइन उपलब्ध हैं- टोल फ्री नंबर: 1064, व्हाट्सएप हेल्पलाइन: 9456592300

विजिलेंस ने जनता से अपील की है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्भीक होकर आगे आएं और एक पारदर्शी उत्तराखंड के निर्माण में सहयोग दें।

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