करोड़ों का साम्राज्य और जेब में 400 रुपये

बरेली। करोड़ों का साम्राज्य और जेब में मात्र 400 रुपये। जिस शराब माफियाओं को फरार बताया जा रहा था, वह बरेली से कही टस से मस नहीं हुए। अफसरों के संरक्षण में मनोज जहां खुलेआम घूमता रहा, वहीं मनोज के इशारे में अजय ने लोगों की नजर में धूल झोंकने के लिए घर छोड़ दिया। हैरत की बात यह है कि घर से महज चार किलोमीटर दूर ही वह किराए के मकान में रह रहा था। यह तो अजय की गिरफ्तारी के बाद पता लग गया था कि वह कोई अरबपति नहीं बल्कि शराब कारोबारी मनोज जायसवाल का मामूली गुर्गा था लेकिन उसकी कहानी कहीं और ज्यादा दर्दनाक है।
सब जानते थे कि शराब के ठेकों का मालिक अजय है। इसी धोखे में ईडी ने भी छह महीने पहले अजय के घर पर दबिश दी, मगर कुछ नहीं मिला। जिस अजय के नाम पर मनोज ने शराब का कारोबार खड़ा किया था, उसे कोई जानता तक नहीं था। उसके पास इतना पैसा भी नहीं था कि वह अपना खर्चा चला पाता जबकि बरेली में ही हरुनगला के पास उसके नाम पर शराब का गोदाम था जिसकी लाइसेंस फीस ही 20 लाख रुपये आबकारी विभाग को दी गई थी। कानपुर और उन्नाव में भी उसके नाम शराब गोदाम थे।