यमकेश्वर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्तियों की आड़ में बड़ा खेल चल रहा है। आउटसोर्स एजेंसी की ओर से अभ्यर्थियों से नियुक्ति के लिए 30 से लेकर 40 हजार तक की रकम वसूली जाती है। साल भर बाद कर्मचारियों को नोटिस जारी कर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। एम्स ऋषिकेश में कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे है।
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आरोप है कि दोनों एजेंसियां पद के अनुसार साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थियों से 30 से लेकर 50 हजार रुपये सिक्योरिटी के नाम पर जमा कराती है। इसकी रसीद भी अभ्यर्थियों को नहीं दी जाती है। इस तरह भर्ती की आड़ में मनमाफिक उगाही का यह खेल एम्स ऋषिकेश में काफी लम्बे समय से ऐसे ही चल रहा है।
‘एम्स ऋषिकेश प्रशासन ने अभ्यर्थियों से पहले भी कई बार किसी भी एजेंसी या व्यक्ति को नियुक्ति के नाम पैसे न देने की अपील कर चुका है। अगर कोई एजेंसी या कोई व्यक्ति किसी पैसा मांगता है तो इसकी तत्काल इसकी लिखित शिकायत एम्स प्रशासन को तुरंत दी जाए। अगर ऐसा हुआ है तो निश्चित तौर पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।’
-हरीश मोहन थपलियाल, पीआरओ, एम्स ऋषिकेश