देहरादून। कहा जाता है कि मां के लिए बेटा ज्यादा दुलारा होता है। मां-बेटे का रिश्ता बहुत ही प्यारा होता है। मां ने आरती उतारकर बेटे का स्वागत किया। बेटा चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो जाए, वो मां के लिए हमेशा बच्चा ही रहता है। मां अपने बच्चों की सिर्फ मां ही नहीं होती, बल्कि दोस्त और एक अच्छी सलाहकार भी होती है। तभी तो वह अपने लाडले की हर जिद पूरी करती हैं। एक मां को जितनी चिंता अपनी बेटी की होती है उससे कहीं ज्यादा अपने बेटे की। पुष्कर सिंह धामी को जब प्रदेश के 12वें मुख्यमंत्री का ताज मिला तो मुख्यमंत्री आवास पहुंचने पर पहुंचकर मां ने फूल बरसाकर बेटा का भव्य स्वागत किया। तिलक लगाकर बेटे की आरती उतारी और अपने हाथों से बनाई हुई खीर खिलाकर मुंह मीठा किया।
विधायक दल का नेता चुने जाने और सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद उनकी मां और पत्नी उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जैसे ही वह भीतर पहुंचे तो मां, पत्नी और अन्य रिश्तेदारों ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। मां ने फूल बरसाकर बेटे धामी को प्यार किया, माथे पर तिलक लगाया। इस दौरान लगातार पुष्कर सिंह धामी जिंदाबाद के नारों की आवाजें सुनाई देती रहीं। मुख्यमंत्री आवास देर रात तक जश्न में डूबा रहा। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, चाहने वाले शुभचिंतक मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर उन्हें बधाई देते रहे। खुशी में खूब पटाखे फोड़े गए, हवा में रंग उड़ाए। पूरा मुख्यमंत्री आवास खुशियों की होली से सराबोर नजर आया।