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श्रीलंका में हाहाकार, दिवालिया होने की कगार पर देश

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कोलंबो। पड़ोसी देश श्रीलंका में चारों तरफ हाहाकार मचा है। अस्पतालों में दवाएं और आक्सीजन खत्म होने से डॉक्टरों ने मरीजों का ऑपरेशन पर रोक लगा दी है। पेट्रोल पंप पर फ्यूल के लिए दो-दो किलोमीटर लंबी लाइनें लग रही है। खाने की चीजें इतनी महंगी हैं कि लोग भूखे सोने को मजबूर हैं। आलम ये है कि पेट्रोल से भी महंगा दूध बिक रहा है। देश की जनता सड़क पर उतरकर इसका जमकर विरोध कर रही है। हाहाकार के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इमरजेंसी लगाने के साथ ही सेना और सुरक्षाबलों को अतिरिक्त शक्ति का इस्तेमाल करने की छूट दे दी है।

हाहाकार का आलम यह है कि एक कप चाय 100 रुपये में मिल रही है। मिर्च 700 रुपये, एक किलो आलू के लिए 200 रुपये चुकाने पड़ रहे। फ्लूल की कमी का असर बिजली उत्पादन पर भी पड़ा है। अब कई शहरों में 12 से 15 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है।

कई देशों का कर्ज- श्रीलंका पर कई देशों का कर्ज है। विदेशी मुद्रा की कमी के चलते ही देश में ज्यादातार जरूरी सामानों दवा, पेट्रोल, डीजल का आयात नहीं हो पा रहा है। कुकिंग गैस और बिजली की कमी के कारण हजारों बेकरी बंद हो चुकी है।

पेट्रोल से महंगा बिक रहा दूध- पिछले साल मुद्रा मूल्य में भारी गिरावट के बाद सरकार ने वित्तीय आपातकाल की घोषणा की थी, उसके बाद खाद्य कीमतों में बेतहासा वृद्धि हुई थी। आज वहां एक लीटर पेट्रोल 254 रुपये में मिल रहा है, तो वहीं एक लीटर दूध 263 रुपये में बिक रहा है। पूरे श्रीलंकाई इस समय खाने-पीने के मोहताज हो रखे हैं। श्रीलंका पर करीब 32 अरब डालर का विदेशी कर्ज है। इस तरह एक तरफ जहां उसे विदेशी कर्ज का पेमेंट करना है तो दूसरी तरफ अपने लोगों को मुश्किलों से उबारना है।

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