बैसाखी पर हरिद्वार में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा

हरिद्वार। बैसाखी स्नान पर्व से एक दिन पहले धर्मनगरी हरिद्वार श्रद्धालुओं से पूरी तरह पैक थी। होटलों, धर्मशालाओं व गंगाघाटों पर यात्रियों की भारी भीड़ नजर आई। हरकीपैड़ी, ब्रह्मकुंड के अलावा गंगा घाट पर सुबह से ही श्रद्धालओं का तांता लगा हुआ है। गंगा स्नान के लिए सरकार की तरफ से पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
सिख समुदाय बैसाखी को नए साल के रूप में मनाते हैं। इसका धार्मिक महत्व भी है। सिखों के 10वें गुर गुर गोविंद सिंह जी ने बैसाखी के अवसर पर 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी, इसलिए सिख समदाय के लिए बैसाखी का विशेष महत्व होता है। इसी दिन केसरगढ़ साहिब आनंदपुर में विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है, क्योंकि यहां पर ही खालसा पंथ की स्थापना हुई थी। बैसाखी का त्योहार मुख्यत: पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर मनाया जाता है।
कोरोनाकाल के करीब दो ढाई साल बाद धर्मनगरी हरिद्वार बैसाखी पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। बिना कोरोना प्रतिबंधों के हो रहे स्नान में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। पुलिस ने मेला क्षेत्र को 15 जोन और 38 सेक्टरों में बांट रखा है। श्रद्धालुओं का मानना है कि आज के दिन गंगा स्नान के साथ दान-पुण्य करने से उनकी मनोकामना पूर्ण होती और परिवार में सुख शांति की प्राप्ति होती है।
शहर के सभी प्रमुख चौराहों व संपर्कमार्गों पर सिविल पुलिस के साथ ही यातायात पुलिस व सीपीयू के जवान मुस्तैदी से व्यवस्था को बनाए हुए हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते शाम के समय हाईवे पर वाहनों का भारी दबाव था।