दो हफ्ते तक जहांगीरपुरी में कोई तोड़फोड़ नहीं: सुप्रीमकोर्ट

नई दिल्ली। दो हफ्ते तक जहांगीरपुरी में कोई तोड़फोड़ नहीं होगी। सुप्रीमकोर्ट ने फिलहाल दो हफ्ते तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद फिर होगी। जहांगीरपुरी में नगर निगम की अतिक्रमण पर कार्रवाई के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने दलीलें दीं। पक्ष सुनने के बाद सुप्रीमकोर्ट ने फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने को कहा। अदालत ने साफ किया कि यह आदेश जहांगीरपुरी के लिए है, देश के दूसरे हिस्सों के लिए नहीं।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दाखिल की थी याचिका
बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका दाखिल की थी। याचिका में दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में संपत्तियों पर कार्रवाई का जिक्र किया था। याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे ने एमसीडी के कदम को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया। याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए धारा 343 के तहत कम से कम 5 से लेकर 15 दिन तक का नोटिस मिलना चाहिए था।
कपिल सिब्बल ने भी इस मामले में अपनी दलील रखते हुए कहा कि अतिक्रमण और अवैध निर्माण पूरे देश की समस्या है, इसकी आड़ में किसी समुदाय विशेष को निशाना बनाना अनुचित है। सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के खिलाफ जो याचिका सुप्रीमकोर्ट में डाली गई है, आप पूरे देश की नहीं, बल्कि जहांगीरपुरी की बात कीजिए।
अदालत ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद कहा कि हम अब इस मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई करेंगे और तब तक जहांगीरपुरी में यथास्थिति बरकरार रखनी होगी। अदालत ने यह भी साफ किया कि उनका यह आदेश सिर्फ जहांगीरपुरी के लिए है न कि देश के दूसरे हिस्सों के लिए। अगर तब तक दिल्ली नगर निगम ने जहांगीरपुरी में कोई कार्रवाई की तो उसे अदालत गंभीरता से निपटेगा और इसे अवमानना मानाजायेगा।