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और जब शाम को पंचुर की गलियों में घूमने निकले योगी

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यमकेश्वर। और जब शाम को अपने गांव पंचुर की गलियों में टहलने के लिए योगी आदित्यनाथ निकले, तो उन्हें अपना बचपन याद आ गया। परिवार के सदस्यों के साथ मुलाकात के बाद योगी गांव की उन गलियों में पहुंच गये, जहां उन्होंने बचपन के दिन बिताए थे। उन्होंने गांव के आसपास जाकर कुछ लोगों से बातचीत की और उनका हालचाल पूछा। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा कुछ गणमान्य लोग ही शामिल रहे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी।

योगी आदित्यनाथ मंगलवार को पहली बार को अपने पैतृक गांव पंचुर पहुंचे। पंचुर से डेढ़ किलोमीटर दूर बिथ्याणी में स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय परिसर में उन्होंने गुरु महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान अपने गुरु अवैद्यनाथ को यादकर सीएम योगी आदित्यनाथ की आंखें नम हो गईं और उनकी आंखों से अश्रुधारा भी बह निकली।

पांच साल बाद योगी आदित्यनाथ आए अपने गांव
योगी आदित्यनाथ पांच साल पहले 11 फरवरी 2017 को विधानसभा चुनाव के समय अपने गांव पंचुर आए थे। उस समय उन्होंने गांव में ही प्रवास किया था, जबकि इस बार उनका दो दिन प्रवास का कार्यक्रम है। योगी के भाई महेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि घर में उनके लिए एक कमरा सुरक्षित रखा गया है। हालांकि संन्यासी जीवन बिताने के बाद वह बहुत कम ही अपने घर आए हैं। 20 अप्रैल, 2020 को उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट का निधन हो गया था, तब कोरोना काल की व्यस्तताओं के कारण सीएम योगी अपने गांव नहीं पहुंच पाए थे।

बुलडोजर बाबा सुनकर मुस्कराए योगी
महायोगी गुर गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय में कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई नेता अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा व बुलडोजर मैन से संबोधित किया। इस संबोधन को सुनकर पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। योगी आदित्यनाथ भी मुस्कराये। योगी ने भी अपने सख्त मिजाज को बुलडोजर से जोड़ा।

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