ज्ञानवापी प्रकरण पर घमासान, कोर्ट निकालेगा समाधान
वाराणसी। ज्ञानवापी प्रकरण सर्वे मामले में अब सबकी निगाहें कोर्ट पर टिकी हई हैं। सोमवार को मामले की अदालत में सुनवाई के दौरान वादी पक्ष के जवाब पर प्रतिवादीपक्ष ने प्रति आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा है। आयुक्त अधिवक्ता ने भी न्यायाधीश के सामने मौखिक बयान दिया। दो दिन की कार्रवाई में अड़चनों की विस्तृत जानकारी दी।
ज्ञानवापी प्रकरण सर्वे मामले में वादीपक्ष अधिवक्ता आयुक्त के पक्ष में अड़ा रहा और न्यायालय में वादिनीगण ने ज्ञानवापी मस्जिद समेत पूरे बैरिकेडिंग, तहखाना का ताला तोड़कर वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी कराने की मांग की। न्यायालय में अधिवक्ता आयुक्त ने मौखिक बयान दर्ज कराया। दो दिन में हुई कमीशन की कार्रवाई की जानकारी दी। उधर, वादीपक्ष की आपत्ति पर आपत्ति दाखिल करने को अन्जुमन इंतजामिया मसाजिद के अधिवक्ताओं ने समय मांगा। अदालत ने इस मामले में 10 मई यानि आज सुनवाई की तारीख नियत कर दी है।
मसाजिद कमेटी ने प्रति आपत्ति के लिए मांगा समय
अदालत में इस आपत्ति पर प्रति आपत्ति दाखिल करने के लिए अन्जुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं अभय नाथ यादव, तौफीक खान, एखलाक अहमद, मुमताज अहमद, रईस खान ने समय मांगा। जिस पर अदालत ने 10 मई मंगलवार को सुनवाई की तारीख नियत कर दी। वादी पक्ष ने आपत्ति में कहा कि सर्वे कमिश्नर पर लगे आरोप झूठे व निराधार है।
1990 तक इस परिसर में चल रही थी पूजा
सुनवाई में वादी पक्ष ने कहा कि 1990 तक इस परिसर में पूजा चल रही थी और यहां तहखाना पाया गया इसके बाद जिला प्रशासन ने ताले की चाबी नहीं मिलने की बात की थी। वादिनीगण ने ज्ञानवापी मस्जिद समेत पूरे बैरिकेटिंग, तहखाना का ताला तोड़कर की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ दोनों पक्षकारो और उनसे जुड़े वकीलों को प्रवेश देने के लिए यूपी सरकार, डीएम और पुलिस आयुक्त को आदेशित करने की मांग की।