16 साल बाद मिली तालों की चाबी, दूसरे दिन का सर्वे शुरू
वाराणसी। 16 साल बाद आखिरकार तालों की गुम हुई चाबी मिल गयी है। सर्वे के लिए तहसील की टीम गठित हो चुकी है। तहखाने के बाद आज दीवारों का सर्वे हो रहा है।
क्या है गुम चाबी का रहस्य
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर और बाहर सर्वे के लिए रविवार को दूसरे दिन भी एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की गई। परिसर के तहखाने के बंद तालों की चाबी 16 साल बाद सार्वजनिक रूप से सामने आई है। चार जनवरी 1993 को विवाद के बाद बंद हुए तालों की चाबी राजकीय कोषागार में जमा करा दी गई थी। मगर, 2006 में किसी मौके पर चाबियां कोषागार से निकालकर पुलिस को दी गई थी।
क्या है मामला
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित माता शृंगार गौरी के नियमित दर्शन और पूजन के साथ परिसर में मौजूद अन्य देवी देवताओं के विग्रहों को सरंक्षित करने की याचिका राखी सिंह, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने बीते वर्ष 18 अगस्त 2021 को लगाई थी। वाराणसी में सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां याचिका दाखिल होने के बाद से लगातार सुनवाई जारी थी।
सर्वे पूरा होने के बाद तैयार होगी रिपोर्ट
अदालत ने कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 17 मई की तिथि निर्धारित की है। रविवार को सर्वे के बाद आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। कारण, अगर कमीशन की कार्यवाही पूरी हो जाएगी तो 17 मई को विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह, अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह संयुक्त रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे।
सबके अपने दावे, न्यायालय में रिपोर्ट बताएगी हकीकत
न्यायालय से नियुक्त अधिवक्ता आयुक्तों के साथ वादी और प्रतिवादी पक्ष के 52 लोगों की टीम ने एक एक पहलुओं पर गहन जांच की। टीम को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सर्वे से जुड़ी कोई भी जानकारी बाहर नहीं आनी चाहिए।
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