उत्तरप्रदेशउत्तराखंडदेश-विदेशबड़ी खबरमनोरंजनयूथ कार्नरशिक्षासामाजिकस्वास्थ्य

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवा रसातल में, प्लास्टर नहीं तो गत्ता ही बांध दिया

Listen to this article

रिखणीखाल। उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था रसातल में जा पहुंची है। सच्चाई तो यह है कि स्थिति सुधरने के बजाय दिनबदिन बिगड़ती ही जा रही है। आम आदमी को तो इलाज मिलना दूभर हो चला है। गांवों के अस्पतालों में न दवाएं हैं और न स्वास्थ्य सुविधाएं। विशेषज्ञ डाक्टर तो दूर सामान्य चिकित्सकों तक का टोटा है। पहाड़ में ऐसी स्थिति है कि फार्मेसिस्ट और वार्डब्वाय स्वास्थ्य सेवा जिम्मा संभाले हुए हैं, वे भी बगैर दवा और मरहमपट्टी के। बाकी स्वास्थ्य परीक्षण से लेकर जांच आदि यहां एक सपना ही है।

नैनीडांडा ब्लाक के अंतर्गत ग्रामसभा डांडातोली के पोखार गांव की एक लड़की के हाथ की हड्डी टूट गई। नजदीकी चिकित्सालय में एक्स-रे टैक्नीशियन न होने के कारण किशोरी के हाथ पर गत्ता बांधकर उसे कोटद्वार रेफर करना चिकित्सक की मजबूरी बन गई थी। रिखणीखाल प्रखंड के करीब 80 गांवों के साथ सटे नैनीडांडा ब्लाक के कई गांव रिखणीखाल स्वास्थ्य केंद्र से इलाज कराते हैं। अभी कुछ महीने पहले यहां पर एक एक्सरे मशीन लगी थी, लेकिन मशीन को चलाने वाला अभी तक नहीं आया। जिसका नतीजा ग्रामीणों को सौ डेढ़ सौ किलोमीटर दूर कोटद्वार एक्स-रे करवाने के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं।

पोखार गांव की किशोरी के हाथ में गत्ते को देखकर जब चिकित्सालय प्रशासन ने डा. से इसका कारण जानना चाहा तो डा. तान्या ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि हाथ में पहले एक्सरे होगा, फिर प्लास्टर चढ़ेगा। चूंकि एक्सरे टेक्नीशियन नहीं है, इसलिए किशोरी के हाथ में पट्टी बांधकर कोटदार रेफर किया गया है। सफर करने के दौरान हाथ हिले-डुले नहीं इसलिए पट्टी बांधने के बाद उस पर गत्ता बांध दिया गया। ये हमारे प्रदेश उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवा का हाल।

https://sarthakpahal.com/

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button