हजारों लोगों ने सरेंडर किए राशनकार्ड, सही गलत को लेकर अब भी भ्रम
देहरादून। हजारों लोगों ने अपने राशनकार्ड सरेंडर कर दिये हैं। अपात्र राशनकार्ड धारकों को 31 मई तक अपने कार्ड सरेंडर करने को कहा गया है। साथ ही चेतावनी भी दी गयी है कि इसके बाद जांच में अपात्र पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा।
जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि सरकार की तरफ से अपात्र राशन कार्डधारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा के बाद अपात्र लोगों की जिला पूर्ति कार्यालय में कार्ड जमा करने के लिए भीड़ लग गयी। जिला पूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि अब तक हजारों लोगों ने अपने कार्ड सरेंडर किये हैं।। कार्ड सरेंडर करने के लिए डीएसओ कार्यालय में भीड़ देखी जा रही है।
पात्र, अपात्र को लेकर असमंजस
पात्र और अपात्र को लेकर लोगों में अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। दरअसल, वर्तमान में तीन प्रकार के कार्ड बनाए जा रहे हैं। इनमें अंत्योदय (गुलाबी राशन कार्ड), राष्ट्रीय खाद्य योजना का सफेद कार्ड और इससे ऊपरी वर्ग के लोगों को पीला कार्ड शामिल है।
तीनों कार्ड बनाने की अलग-अलग शर्तें
गुलाबी कार्ड:- गुलाबी कार्ड धारकों की वार्षिक आमदनी 15 हजार से कम होनी चाहिए। साथ ही इनकम का कोई स्रोत न हो या वह दिव्यांग, विधवा और बुजुर्ग, जिसका कोई सहारा न हो।
सफेद कार्ड:- सफेद कार्डधारकों के परिवार की वार्षिक आय 15 हजार से ऊपर नहीं होनी चाहिए। सरकारी नौकरी, रिटायर्ड पेंशनर्स, आयकर दाता और दो हेक्टेयर भूमि वाले इस श्रेणी में नहीं आएंगे। इसमें अन्य मानक भी तय किए गए हैं।
पीला कार्ड:- वहीं, डेढ़ लाख से अधिक आय वाले पीले कार्ड के हकदार हैं। वर्तमान में जिले में 15 हजार अंत्योदय, दो लाख बीस हजार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और करीब डेढ़ लाख पीले कार्डधारक हैं।