अंतिम संस्कार से पहले कर्मचारियों का जमकर बवाल
देहरादून। अंतिम संस्कार से पहले कर्मचारियों ने जमकर बवाल काटा, लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही कर्मचारी अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण कार्य में लगी कंपनी के कर्मचारी की मृत्यु होने पर कंपनी के खिलाफ पैदा विवाद रविवार को शांत हो गया। इस मौके पर कार्यदायी एजेंसी ने मृतक की पुत्री वंदना वर्मा के खाते में 30 मई को 10 लाख की धनराशि जमा करने का लिखित आश्वास दिया, जिसके बाद परिजनों और कंपनी के कर्मचारियों ने शव का अंतिम संस्कार किया।
दरअसल शुक्रवार रात को श्रीकोट-स्वीत में रेलवे परियोजना की टनल के अंदर कार्य कर रहे चालक वीर सिंह (48) पुत्र लाल सिंह निवासी भागीरथीपुरम नई टिहरी के पेट में दर्द होने पर उसे बेस चिकित्सालय श्रीकोट में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान शनिवार तड़के उसकी मौत हो गई। कार्यदायी एजेंसी के कर्मचारी शव को बिना पोस्टमार्टम और परिजनों को सूचना दिए बगैर अंत्येष्टि के लिए घाट पर लेकर गए थे। पालिका सभासद विभोर बहुगुणा ने बताया कि जब कर्मी की मौत की सूचना कंपनी के अन्य कर्मचारियों को मिली, तो उन्होंने घाट पर जाकर अंतिम संस्कार को रोक दिया। इसके बाद कर्मी और कुछ स्थानीय लोग शव को घाट से उठाकर पुलिस चौकी श्रीकोट ले आए।
परिजनों और अन्य कर्मियों के अनुरोध पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजन और कंपनी के अन्य कर्मचारी मुआवजा व अन्य सुविधा दिए जाने के लिए शनिवार देर शाम तक शव के साथ कंपनी कार्यालय में धरने पर बैठे रहे। रविवार रात को करीब 2 बजे कंपनी के अधिकारियों देवेंद्र सिंह और सत्यनारायण मूर्ति से लिखित आश्वासन मिलने के बाद परिजन और धरने पर बैठे कर्मचारी शव के अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए, जिसके बाद रविवार सुबह मृतक का श्रीकोट घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।