रुद्रप्रयाग। बाबा केदार की सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवम्बर के मध्य दर्शनार्थ खुलता है। पत्थरों से बने कस्तूरी शैली से बने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पांडव वंश के जनमोजय ने कराया था। आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। जून 2013 में यहां अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण केदारनाथ सबसे अधिक प्रभावित रहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जय बाबा केदार’ के जयकारों के साथ अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि यह भारत की संस्कृति की व्यापकता का आलौकिक दृश्य है। आने वाले भक्तों की संख्या के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कोराना न होता तो यह संख्या और भी ज्या होगी। उन्होंने पवित्र हेमकुंड साहिब का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है। तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि चारधाम यात्रा में आने वाले भक्तों की संख्या लगातार रिकॉर्ड बढ़ रही है।
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