करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जिसे मूल रूप से गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से जाना जाता है, सिखों का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए। इस स्थान पर गुरु नानक जी ने 16 सालों तक अपना जीवन व्यतीत किया। बाद में इसी गुरुद्वारे की जगह पर गुरु नानक देव जी ने अपना देह 22 सितंबर 1539 को छोड़ा था, जिसके बाद गुरुद्वारा दरबार साहिब बनवाया गया। पाकिस्तान के नारोवाल जिले में बसा करतारपुर पाकिस्तान स्थित पंजाब में आता है। यह जगह लाहौर से 120 किलोमीटर दूर है। यह गुरुद्वारा रावी नदी के करीब स्थित है और डेरा साहिब रेलवे स्टेशन से चार किलोमीटर दूर है।
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया कि बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्रियों को लाभान्वित करने वाले एक बड़े फैसले में, सरकार ने कल 17 नवंबर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया है। पंजाब के भाजपा नेताओंं ने करतारपुर कारिडोर को फिर से खोलने की मांग को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ और अमित शाह से मुलाकात की थी।